Last Updated: Wednesday, February 8, 2012, 16:39

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को मुंबई आतंकी हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को आईना दिखाते हुए कहा कि आप भारतीय धरती पर पहुंचने से पहले ही सब कुछ जानते थे। कसाब ने कहा था कि वह साजिश में शामिल नहीं था बल्कि मात्र एक एजेंट था। न्यायमूर्ति आफताब आलम एवं न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि भारत के तट पर पहुंचने से पहले आप सबकुछ जानते थे और इसके लिए तैयारी कर रहे थे।
मुंबई में 26-28 नवम्बर 2008 को हुए आतंकी हमले में विदेशी नागरिकों सहित 166 लोगों की मौत हो गई थी। न्यायालय ने कसाब की दलील को अविश्वसनीय एवं अकल्पनीय बताया। कसाब की दलीलों को न्याय मित्र राजू रामचंद्रन ने न्यायालय के समक्ष पेश किया। न्यायमूर्ति आलम के मुताबिक कसाब ने कहा कि मैं भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और षडयंत्र में शामिल नहीं था। मेरी भूमिका सुपारी लेकर हत्या करने तक सीमित थी। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि आपकी दलील है कि आप केलव एक एजेंट थे और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश में शामिल नहीं थे लेकिन आपके कबूलनामे को देखा जाए तो आप सबकुछ जानते थे।
न्यायालय ने कहा कि आप सभी 10 लोग एक साथ भारतीय जमीं पर पहुंचे और उसके बाद दो-दो के समूह में पांच टुकड़ों में बंट गए। इसके बाद आप लोगों ने मुम्बई में भारी तबाही मचाई। न्यायमूर्ति प्रसाद ने कहा कि आप किसी सार्वजनिक परिवहन अथवा परिवहन के पारम्परिक मार्ग से भारत नहीं आए और ऐसी तबाही बिना किसी साजिश के अंजाम नहीं दी जा सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय कसाब की उस अपील पर सुनवाई कर रहा है जिसमें उसने बम्बई उच्च न्यायालय के मौत की सजा को बरकरार रखने को चुनौती दी है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 8, 2012, 22:09