Last Updated: Friday, November 18, 2011, 09:31
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी विशाल यादव को शुक्रवार को जमानत देने से इनकार कर दिया। विशाल 2002 के अपने चचेरे भाई विकास के साथ उम्रकैद की सजा काट रहा है।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की पीठ ने हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय से विशाल और उसके चचेरे भाई विकास की अपील पर त्वरित गति से फैसला करने को कहा। दोनों ने अपील में अपनी दोषसिद्धि और अपनी बहन भारती के साथ संबंधों के चलते कटारा की हत्या करने के मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को चुनौती दी है।
न्यायालय ने विशाल की अपील पर आदेश पारित किया। इसमें उच्च न्यायालय के 24 फरवरी के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें उसे जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश के विवादास्पद राजनेता डीपी यादव के भतीजे विशाल ने 11 नवम्बर को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उसने अपने जमानत आग्रह में यह भी कहा कि उसके खिलाफ कोई ‘प्रत्यक्ष सबूत’ नहीं है और निचली अदालत ने उसे सिर्फ पारिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर दोषी ठहराया।
उच्च न्यायालय ने विशाल के इस आग्रह को खारिज कर दिया था कि निचली अदालत द्वारा उसे उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद 2008 में दायर उसकी अपील पर फैसला होने तक उसकी सजा को निलंबित कर दिया जाए। पीठ ने पूर्व में विशाल के इस तर्क को खारिज कर दिया था कि वह पांच साल से अधिक समय से जेल में है और उच्च न्यायालय ने मुकदमे के दौरान उसे खुद ही ढाई साल के लिए जमानत प्रदान की थी तथा उस अवधि में उसका आचरण अच्छा रहा।
निचली अदालत ने गाजियाबाद में एक शादी समारोह से कटारा का अपहरण कर उसकी हत्या कर देने के मामले में विशाल और विकास को मई 2008 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कटारा की हत्या 16-17 फरवरी 2002 को हुई थी।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 18, 2011, 15:01