Last Updated: Friday, September 20, 2013, 23:47
नई दिल्ली : पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के अधिवक्ता ने सेना की उस रिपोर्ट के कानूनी औचित्य पर सवाल उठाया, जिसने खुफिया कोषों के दुरुपयोग के आरोप और उनके द्वारा गठित खुफिया इकाई के कामकाज की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
सेना की बोर्ड ऑफ आफिसर्स (बीओओ) रिपोर्ट में सिंह द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करने और खुफिया इकाई टेक्नीकल सपोर्ट डिवीजन द्वारा अनधिकृत कार्रवाई करने तथा वित्तीय गड़बड़ियां करने का आरोप लगाया है। विश्वजीत सिंह ने कहा, ‘यदि सेना और सरकार गंभीर है तो उन्हें एक ऐसी रिपोर्ट देनी चाहिए जिसका कानूनी औचित्य हो। यह कोई कोर्ट ऑफ इनक्वायरी नहीं है जिसका कानूनी औचित्य हो।’
उन्होंने कहा कि जनरल बिक्रम सिंह द्वारा गठित बीओओ ने आनन फानन में पूरी रिपोर्ट का सार तैयार किया और अपने निष्कर्ष दिए लेकिन इसका कोई कानूनी औचित्य नहीं है। जनरल वीके सिंह उन लोगों और संगठनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं जो उनके खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने चयनित तरीके से लीक होने के बाद जिस तरीके से गुप्त खुफिया कार्रवाई से जुड़ी अत्यंत गोपनीय रिपोर्ट लोगों के बीच आई, उसकी भी जांच किए जाने की मांग की। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 20, 2013, 23:47