Last Updated: Tuesday, July 3, 2012, 20:48

नोएडा : अपनी एक किताब में 2004 में सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपनी सहमति की बात कबूल कर कुछ राजनीतिक दलों की आलोचनाओं का शिकार हुए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने मंगलवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सोनिया की नागरिकता को स्वीकार किया था और वह प्रधानमंत्री पद के लिए संवैधानिक तौर पर योग्य थीं।
उन्होंने कहा, ‘मैं यह बात पहले ही किताब में कह चुका हूं क्योंकि संवैधानिक तौर पर उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि सोनिया नागरिक हैं। इसलिए संवैधानिक रूप से यदि बहुमत प्राप्त दल कहे तो उन्हें प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने मनमोहन सिंह को बनाया। मेरे दिमाग में कोई विवाद नहीं है।’
कलाम से जब एक समारोह से इतर उनकी किताब टर्निंग प्वाइंट्स से उठे विवाद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उक्त प्रतिक्रिया दी। कलाम ने किताब में लिखा है कि वह अनेक नेताओं के दबाव के बावजूद सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए तैयार थे लेकिन सोनिया ने सिंह का नाम पेश किया।
राजग के संयोजक और जदयू अध्यक्ष शरद पवार ने कल कलाम पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘उनकी अंतरात्मा देर से जागी। हम उनकी बहुत इज्जत करते थे लेकिन अब इस तरह की टिप्पणियों के बाद बहुत दुखी हैं।’ शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने भी कलाम द्वारा इतने साल बाद इस तरह का बयान देने पर उनकी आलोचना की।
भाजपा ने भी कलाम की टिप्पणियों पर उनकी निंदा की है। पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी किताब में लिखा है कि वह इस बात को लेकर निश्चिंत थे कि सोनिया गांधी ही संप्रग सरकार का नेतृत्व करेंगी लेकिन राष्ट्रपति भवन को नियुक्ति पत्र फिर से तैयार करना पड़ा क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के तौर पर सिंह का नाम पेश किया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 3, 2012, 20:48