सोशल प्‍लेटफार्म 'आई एम इन-डीएनए ऑफ इंडिया' लॉन्‍च करेगा ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन । ZEE Media Corporation to launch 500+ hyper-local social platforms, in multiple languages

सोशल प्‍लेटफार्म 'आई एम इन-डीएनए ऑफ इंडिया' लॉन्‍च करेगा ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन

सोशल प्‍लेटफार्म 'आई एम इन-डीएनए ऑफ इंडिया' लॉन्‍च करेगा ज़ी मीडिया कॉरपोरेशनविविध भाषाओं में 500 से अधिक हाइपर लोकल सोशल प्‍लेटफार्म लॉन्‍च करेगा ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन


`आई एम इन- डीएनए ऑफ इंडिया` एक सशक्त तकनीकी पहल है, जो बेहतर शासन के उद्देश्‍यों में शामिल होने के लिए भारत के नागरिकों को प्रबुद्ध, एकजुट एवं सशक्त बनाने का वादा करता है।

यह स्थानीय मुद्दों के प्रति मुखर होने, खबरें रिपोर्ट करने, शासन के प्रतिनिधियों एवं समान विचारधारा वाले साथी नागरिकों से जुड़ने की ताकत देता है। `आईए एम इन` भारत का पहला बहुभाषी, अति स्‍थानीय, अखिल भारतीय डिजीटल मंच (प्‍लेटफॉर्म) है, जिसके तहत (अगले कुछ महीनों में) देश भर में 500 से अधिक स्‍थानीय हलके और उसके आसपास के क्षेत्र शामिल होंगे। इस मंच के तहत लोगों को उनके स्‍थानीय क्षेत्रों में सदस्यता के लिए और दूसरों के साथ संलग्न होने के लिए सक्षम बनाया जाएगा। इसमें उन लोगों को तरजीह दी जाएगी जो स्‍थानीय मुद्दों और इसके बारे में कुछ करने को लेकर माद्दा रखते हों।

बेहतर शासन (सुशासन) की शुरुआत वैसे जागरूक लोगों के साथ होती है जो हर स्तर पर (संसद से विधानसभा तक, स्थानीय निगम से ग्राम पंचायत तक) अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से जवाबदेही की मांग करते हों।

भारत के 1.2 अरब लोगों में से एक छोटे से वर्ग तक को भी यदि अधिक जागरूक (सूचित) और शासन की प्रक्रिया में शामिल करने की शुरुआत की जाती है, तो देश में चीजें बेहतर होंगी। दरअसल लोग एक बेहतर भारत के निर्माण में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन न तो उनके पास कोई बेहतर विकल्प है और न ही मदद के लिए कोई समर्थन, ताकि उन्‍हें बेहतर ढंग से सूचित किया जा सके और अच्‍छे उद्देश्‍य में शामिल किया जा सके।

इसके अलावा, अक्‍सर अकेले लड़ाई लड़ना/हारना सरीखा बोध देखा जाता है जो कि संभवतः इस तरह की मानसिकता को प्रोत्साहित करती है `मैं क्या कर सकता हूं?-इस देश का कुछ नहीं हो सकता है-ऐसा चलता है`। लोग अक्‍सर इस बात का एहसास नहीं करते हैं कि उसी इलाके या पड़ोस में उनकी तरह दूसरे अन्‍य लोग भी हैं, जो देश के लिए थोड़ा बहुत करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस मंच के तहत उद्देश्‍य एवं दृष्टि यह है कि समान विचारधारा वाले लोगों का एक साथ लाया जाए, उन्‍हें सूचना के जरिए सशक्‍त किया जाए एवं तकनीक से युक्‍त कर सक्रिय किया जाए। इसी मकसद के तहत इस मंच एवं उसके वैचारिक ढांचे की स्थापना की गई।

ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन के चेयरमैन श्री सुभाष चन्द्रा कहते हैं, `मैं भारत में विश्वास करता हूं, और भारत को एक बेहतर देश बनाने के लिए मुझे अपने साथी नागरिकों की क्षमता एवं योग्‍यता में पूरा विश्वास है। हम भारत के बारे में शिकायत करते रहते हैं, हम यह भी कहते रहते हैं कि पता नहीं हम क्‍या करें और यह कैसे करें। हम बड़ी तस्‍वीर की तरफ देखने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बात का एहसास नहीं करते हैं कि यह छोटी समस्याओं से बना है। छोटी समस्याओं का समाधान करें तो बड़ी समस्याओं का हल स्‍वत: हो जाएगा।

भारत में परिवर्तन जमीनी स्‍तर पर एवं सक्रियता के साथ हों और ऐसा करने के लिए हमारा उद्देश्‍य भारतीयों को सक्षम एवं सशक्‍त बनाना है। गांधी जी ने कहा भी है, `आप जो समाज में देखना चाहते हैं, उसके लिए परिवर्तन करें`। `आई एम इन-डीएनए ऑफ इंडिया` की लॉन्‍चिंग के साथ आज हम इस उद्देश्‍य को प्राप्‍त करने की उम्‍मीद कर सकते हैं जो कि आधुनिक प्रौद्योगिकी से पूरी तरह से लैस है। साथ ही 1.2 अरब से अधिक भारतीयों की इच्छा से संचालित जो एक बेहतर कल (बेहतर भविष्‍य) चाहते हैं।

`आई एम इन` एक डिजीटल संचालित खोज है, जो एक साथ आने के इच्‍छुक और फर्क पैदा करने वाले नागरिकों की तलाश करता है। बेहतर प्रशासन की दिशा में यह भारत के डीएनए को और मजबूत करने तथा जन प्रतिनिधियों के साथ काम करने की प्रतिबद्धता को लेकर एक संकल्‍प है। आप या तो अपने इलाके/पड़ोस के लिए एक स्वयंसेवी हो सकते हैं, समुदाय का चेहरा हो सकते हैं या सक्रिय नागरिक हो सकते हैं जो कि निरंतर जागरूक रहकर अपने समुदाय की विभिन्न समस्याओं का समाधान खोजने में मदद कर सकते हैं।

इस मंच के तहत करीब 200 बस्तियों/पड़ोसी क्षेत्रों में स्वयंसेवकों को खोजने की मुहिम की शुरुआत हो चुकी है। आपको केवल एक नागरिक डीएनए टेस्‍ट देना है, ताकि यह साबित हो सके कि आप एक स्वयंसेवक हो सकते हैं और ऐसा करने का जुनून आपमें है।

ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन के ग्रुप सीईओ डॉ. भास्‍कर दास का कहना है, ` 'आज भारत में हम असीम ऊर्जा को देखते हैं। भारत के लिए कुछ `अधिक` करने की इच्छा है। यदि उस ऊर्जा का उपयोग नहीं किया जाता है, कुछ करने की इच्छा का परिणाम नहीं निकल पाता है तो यह आसानी से हताशा और नकारात्मकता में तब्‍दील हो जाएगा। इस नकारात्मकता से परहेज करने की आवश्यकता है और अच्छे इरादों की शक्ति के उपयोग एवं उसे बढ़ावा देकर इसे दूर किया जा सकता है।

`आई एम इन- डीएनए ऑफ इंडिया` एक ऐसी पहल है जो कि देश भर के नागरिकों की इच्छाओं को बल प्रदान कर एक मंच प्रदान करेगा, खासकर उन नागरिकों के लिए जो एक बेहतर, स्वच्छ, सुरक्षित इलाके/समाज में रहना चाहते हैं। सैकड़ों अति स्‍थानीय नेटवर्कों की ताकत जो हजारों लोगों का समूह है, यदि वह एकजुटता के साथ इलाके की बेहतरी एवं सुधार के लिए कार्य करे तो निश्चित रूप से देश में अत्‍यावश्‍यक गुणात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।

First Published: Thursday, September 26, 2013, 15:33

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