Last Updated: Thursday, January 19, 2012, 13:32

नई दिल्ली : समाज के कमजोर वर्ग के छात्रों को सस्ता टैबलेट लैपटाप आकाश सुलभ बनाने की कवायद के तहत सरकार ने देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में बुक बैंक की तर्ज पर ‘आकाश बैंक’ बनाने का सुझाव दिया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस संबंध में हाल ही में आईआईटी, एनआईटी, देश के सभी विश्वविद्यालयों एवं विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं को पत्र लिखा है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक स्कूल, कॉलेज आदि में पुस्तकालय की व्यवस्था होती है। लेकिन छात्रों को दो सप्ताह या तीन सप्ताह के बाद पुस्तकालय से प्राप्त की गई पुस्तक का नवीनीकरण करना होता है। हालांकि कुछ संस्थाओं में ‘बुक बैंक योजना’ भी होती है जिसके तहत छात्रों को छह महीन या एक साल या एक शैक्षणिक सत्र के लिए पुस्तके दी जाती है।
उन्होंने कहा, हमारा मकसद इस सस्ते टैबलेट आकाश को समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रदान करना है। इस उद्देश्य के लिए शैक्षणिक संस्थाओं में बुक बैंक योजना की तर्ज पर ‘आकाश बैंक’ बनाने का सुझाव दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि आकाश की कीमत 2,276 रूपये है, सरकार की ओर से इस पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाती है। शैक्षणिक संस्थाओं को यह 1,138 रूपये में प्राप्त होगा। इन संस्थाओं में आकाश बैंक के माध्यम से छात्रों को आकाश एक साल या एक शैक्षणिक सत्र के लिए प्रदान किया जाएगा। मंत्रालय ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं से उनके यहां आकाश की आवश्यक्ता के बारे में जानकारी मांगी है।
मंत्रलाय ने संस्थाओं से देश में आकाश के वितरण एवं सब्सिडी के बारे में उनके विचार मांगे है। संस्थाओं से यह भी पूछा गया है कि वह किस प्रकार से अपने यहां आकाश वितरीत करेंगे। गौरतलब है कि देश में 419 विश्वविद्यालयों को ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से 1 जीबीपीएस की कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है और अब इसे राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क में बदला जा रहा है। विश्वविद्यालयों में इस योजना का 75 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार वहन कर रही है।
सस्ता टैबलेट लैपटाप ‘आकाश’ के संबंध में इसकी निर्माता कंपनी डाटाविंड के साथ कई समस्याओं के बीच सरकार ने कहा कि कंपनी के साथ करार जारी रहेगा और पहली खेप के तहत बाकी 70 हजार टैबलेट के उन्नत संस्करण की आपूर्ति डाटाविंड करेगी। उन्नत संस्करण अप्रैल तक उपलब्ध होगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आने वाले समय में देश में 22 करोड़ आकाश की जरूरत बतायी है। इस परियोजना से जुड़े एक वर्ग का कहना है कि कुछ कंपनियां चाहती हैं कि यह परियोजना बंद हो जाए ताकि उनका धंधा सुचारू रूप से चलता रहे जबकि कुछ कंपनियां इसे 44 हजार करोड़ रूपये के कारोबारी अवसर के रूप में देख रही है। हालांकि एक ऐसा वर्ग भी है जो चाहता कि आकाश की कीमत 2,276 रूपये ही रहे और समय के साथ इसकी गुणवत्ता में वृद्धि की जाए।
मंत्रालय का कहना है कि अमेरिका, पनामा, इक्वाडोर समेत कई अफ्रीकी देशों से आकाश की मांग आयी है। और इस परियोजना के लिए जितनी अधिक संख्या में कंपनियां आयेंगी, वह उतना अच्छा होगा। इस उपकरण को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय स्कूली शिक्षा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी नीति (एनएसईआईसीटी) और आईआईटी राजस्थान के सहयोग से तैयार किया गया है जिसका निर्माण ‘डाटाविंड’ नामक कंपनी ने किया है। इस परियोजना को फरवरी 2009 में हरी झंडी दिखाई गई थी और इस उद्देश्य के लिए 4,612 करोड़ रूपये का बजट निर्धारित किया गया था।
सात इंच के इस टच स्क्रीन लैपटाप में दो यूएसबी का पोर्ट है और इसकी बैटरी में तीन घंटे कार्य करने की क्षमता है। यह लैपटाप सौर उर्जा से भी चल सकता है। इस उपकरण में वर्ड, एक्सेल, पावर प्वायंट, पीडीएफ, ओपेन आफिस, वेब ब्राउजर और जावा स्क्रिप्ट भी संलग्न है। इसमें जिप अनजिप तथा वीडियो स्ट्रीमिंग सुविधा भी है।
इंटरनेट सुविधा से लैस इस उपकरण में मीडिया प्लेयर, वीडियो कांफ्रेंसिंग और मल्टी मीडिया कंटेन्ट सुविधा उपलब्ध है। यह लैपटाप कठिन परिस्थितियों में भी काम कर सकता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 20, 2012, 14:55