Last Updated: Friday, August 2, 2013, 19:22
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सरकारी नियंत्रण से आजाद करने के लिए जांच एजेंसी के सुझाए गए कुछ प्रमुख बिंदुओं को केंद्र सरकार ने नकार दिया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जो हलफनामा पेश किया है उसमें सीबीआई निदेशक के अधिकांश सुझावों को खारिज कर दिया गया है। मालूम हो कि सीबीआई निदेशक ने सुप्रीम कोर्ट के कहने पर कुछ सुझाव दिए थे ताकि सीबीआई को स्वायत्त बनाया जा सके।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई के उस सुझाव का विरोध किया है जिसमें उसके निदेशक को अधिक अधिकार देने और कार्यकाल बढ़ाकर तीन साल करने की बात कही गई है। इसके उलट सरकार दो साल के कार्यकाल के लिए ही राजी है। केंद्र ने सीबीआई के इस रूख का भी विरोध किया कि जवाबदेही आयोग की कोई जरूरत नहीं है और बाहरी निगरानी अनिवार्य है।
रिटायरमेंट के बाद सीबीआई निदेशक को दूसरा कोई सरकारी काम न दिए जाने के सुझाव पर भी सरकार ने कोई राय नहीं दी है। सीबीआई ने सुझाव में कहा कि जब सीबीआई के किसी अधिकारी को हटाया जाए तो उसके लिए सेलेक्शन कमेटी की सहमति जरूरी हो। सरकार ने सीबीआई के इस सुझाव पर कहा कि सीबीआई अधिकारी को राष्ट्रपति, सीवीसी के सुझाव पर हटाएंगे इसलिए सलेक्शन कमेटी की सहमति जरूरी नहीं है।
केंद्र समूह ‘ए’ के अधिकारियों से संबंधित सम्पूर्ण अनुशासनात्मक नियंत्रण को सीबीआई निदेशक के अधीन करने करने के खिलाफ है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बिना पर्याप्त निगरानी एवं नियंत्रण के पूर्ण अधिकार प्राप्त सीबीआई निदेशक संस्थागत सिद्धांतों के खिलाफ होगा। केंद्र ने वरिष्ठ अधिकारियों की जांच की मंजूरी के लिए सीवीसी के नेतृत्व में स्वतंत्र समिति के बारे में भी सीबीआई के रूख का विरोध किया।
सरकार का यह दृष्टिकोण इस जांच एजेन्सी की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के बारे में सुप्रीम कोर्ट को दिये गये आश्वासन पर भी सवाल उठाता है। शीर्ष अदालत ने सीबीआई को ‘कैद में तोते’ के रूप में परिभाषित करते हुए कहा था कि उसे राजनीतिक सत्ता के हस्तक्षेप और बाहरी प्रभावों से मुक्त कराना होगा।
केन्द्र सरकार ने न्यायालय में दाखिल 22 पेज के हलफनामे में कहा है, ‘समुचित नियंत्रण और संतुलन के बगैर ही सीबीआई के निदेशक का सर्वशक्तिमान होना संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप नहीं होगा और इसके हमेशा ही दुरूपयोग का खतरा बना रहेगा और यह सभी स्तरों पर इस संगठन के स्वतंत्र और निर्भय होकर काम करने के अनुकूल नहीं होगा।’
First Published: Friday, August 2, 2013, 18:44