Last Updated: Friday, November 25, 2011, 06:46
मुंबई: मुंबई पर आतंकवादी हमले के तीन साल बीत जाने के बाद भारत की यह आर्थिक राजधानी एक प्रशिक्षित कमांडो यूनिट और संदेहास्पद गतिविधियों का पता लगाने के लिये मछुआरों की नौकाओं में ट्रांसपोंडर लगाने की योजना के साथ इस तरह के हमलों से निपटने के लिये ज्यादा अच्छे से तैयार नजर आती है।
महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव यू सी सारंगी ने कहा कि राज्य सरकार ने 26/11 के हमलों के बाद बनाई गई राम प्रधान कमेटी की ज्यादातर सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है । इस समिति ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये सुझाव दिये थे।
सारंगी ने कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की तर्ज पर हमने 350 अत्यंत प्रशिक्षित कमांडो का गठन किया है जिसे फोर्स वन कहा जाता है। यह अत्याधुनिक हथियारों से लैस है और सेना तथा विदेशी विशेषज्ञों ने उसे प्रशिक्षण दिया है। हर साल फोर्स वन पर 17 करोड़ रूपया खर्च किया जाता है।’
मुंबई के तटों की सुरक्षा के लिये उठाये गये कदमों के तहत महाराष्ट्र सरकार तट के मछुआरों की नावों में ट्रांसपोंडर लगायेगी । हालांकि इसके बावजूद कुछ समस्या के क्षेत्र अब भी बने हुए हैं।
महाराष्ट्र का आतंकवाद निरोधक दस्ता एटीएस कर्मचारियों के गंभीर संकट से जूझ रहा है और उसके लिये स्वीकृत कुल 732 पदों में से 283 पद खाली हैं। जबकि मुंबई हमलों में राज्य पुलिस की प्रतिक्रिया की जांच के लिये गठित किये गये पैनल ने बल को युक्तियुक्त बनाने का सुझाव दिया है।
एटीएस सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद से निपटने और आतंकवादी घटनाओं की जांच के लिये वर्ष 2004 में गठित किये गये एटीएस के लिये स्वीकृत 732 पदों में से एक सितंबर 2011 तक 283 या 38.66 प्रतिशत पद खाली हैं।
गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि 26/11 की बरसी से ठीक पहले गुप्तचर एजेंसियों के पास किसी खतरे की कोई विशेष सूचना नहीं है लेकिन ऐसी आशंका है कि आतंकवादी गुट इस हमले की तीसरी बरसी पर एक प्रतीकात्मक हमला कर सकते हैं। गौरतलब है कि इस आतंकवादी हमले में 166 लोग मारे गये थे।
26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले की तीसरी बरसी पर शनिवार को होने वाले कार्यक्रमों में शहीद पुलिसकर्मी तुकाराम ओंबले की याद में एक स्मारक का अनावरण किया जायेगा।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 25, 2011, 12:16