Last Updated: Sunday, January 20, 2013, 13:23
ज़ी न्यूज ब्यूरोजयपुर: जयपुर में चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनाने पर मुहर लगाते हुए कहा कि चिंतन शिविर में आत्म चिंतन का मौका मिला, साथ ही उन्होंने पार्टी में युवाओं की भागीदारी पर खुशी जताई।
सोनिया गांधी ने कहा, चिंतन शिविर में राजनीतिक, आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा हुई। भविष्य के लिए योजना बनाई गई। उन्होंने महंगाई पर बोलते हुए कहा, वैश्विक मंदी का भारत पर असर पड़ रहा है। महंगाई पर काबू पाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कानूनों का मसौदा तैयार करने समेत कांग्रेस ने पांच सू़त्री कार्यक्रम की पहल की है। सीधे नकदी अंतरण योजना बिचौलियों के भ्रष्टाचार को खत्म करेगी।
दिल्ली गैंगरेप की घटना पर बोलते हुए सोनिया ने कहा, इस घटना ने देश को हिलाकर रख दिया है। गैंगरेप पीड़ित की मौत बेकार नहीं जाएगी। वह देश की महिलाओं की प्रतीक थी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून की जरूरत है। हर महिला और लड़की को सुरक्षा का अधिकार है। उन्होंने कहा, महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए मैं व्यक्तिगत तौर पर बल दूंगी।
उन्होंन कहा, मैं हमेशा सोचती हूं कि लोग हमें वोट क्यों दें? हमें हर मोर्च पर बेहतर करना होगा। एक पार्टी के रूप में अपने भीतर देखने का मौका है। सोनिया ने माना, राजनीतिक प्रक्रिया से लोगों का मोहभंग हो रहा है लेकिन उसके कारणों को समझने और संवेदनशीलता से इसे दूर करने का प्रयास करें।
सोनिया गांधी ने कहा, देश के सम्मान के सामने कभी समझौता नहीं किया है। भारत को बांटने वाली ताकतों से मुकाबला करेंगे।
हमारे दिल में सभी वर्गों के लिए सम्मान है। कांग्रेस ने देश को पंचायती राज दिया। हमने लोकसभा में लोकपाल बिल पास कराया। हमने शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार दिया है। हमने नेहरू, पटेल जैसे नेताओं से सीखा है। किसी और पार्टी में ऐसी वैचारिक बुनियाद नहीं है। कांग्रेस पार्टी संसदीय लोकतंत्र की हिमायती है।
सोनिया गांधी ने पार्टी के पदाधिकारियों से जोर देकर कहा कि पार्टी ने उन्हें पद प्रदान किया है इसलिए वे अपने दायित्व के दायरे को सीमित नहीं रखें और अपना सहयोग केवल अपने चहेतों तक सीमित न करें।
कांग्रेस महासमिति की बैठक में सोनिया ने कहा कि अगले 15 महीने में लोकसभा चुनाव और कई अन्य राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में पार्टी की सबसे बड़ी चुनौती पार्टी में एकता और अनुशासन की है। उन्होंने कहा कि अनुशासन और एकता से काम करेंगे तो कोई वजह नहीं कि पार्टी को जनादेश न मिले।
सोनिया ने कहा कि राजनीतिक प्रक्रिया में लोगों का भरोसा लौटाने के लिए चुनाव सुधार और चुनाव को सरकार द्वारा धन की व्यवस्था पर विचार किए जाने की जरूरत है। पार्टी ने इस संबंध में एक समूह का गठन किया है जो अपनी सिफारिशें जल्दी देगा।
First Published: Sunday, January 20, 2013, 11:15