Last Updated: Tuesday, June 12, 2012, 23:52

नई दिल्ली : एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा की पुस्तक में कथित तौर पर हिन्दी विरोधी आंदोलन से संबंधित बरसों पुराना कार्टून प्रकाशित होने पर तमिलनाडु के कुछ नेताओं के बयान और विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने मंगलवार को कहा कि पाठ्यपुस्तक से जुड़ी सामग्री की जांच परख के लिए पहले ही एक समिति का गठन किया गया है और यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि एनसीईआरटी की पुस्तक में हिन्दी विरोधी आंदोलन से संबंधित कार्टून पर मीडिया में तमिलनाडु के नेताओं के कुछ बयान आए हैं। मंत्रालय ने इन विषयों पर संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 14 मई 2012 को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईएसएसआरसी) के अध्यक्ष एस के थोराट की अध्यक्षता में 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान एवं राजनीतिक विज्ञान की पुस्तक में प्रकाशिक तथ्यों की जांच परख के लिए एक समिति का गठन किया है।
सिब्बल ने कहा कि समिति पुस्तकों में प्रकाशित शैक्षणिक रूप से अनुपयुक्त चीजों की पहचान करेगी और इसके स्थान पर पाठ्य पुस्तकों में प्रकाशित किये जाने वाले विकल्प सुझाएगी।
मंत्री ने कहा कि हिन्दी विरोधी कार्टून के संबंध में जो बात सामने आई है, इस विषय पर भी समिति विचार करेगी। सिब्बल ने कहा कि समिति जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगी। गौरतलब है कि तमिलनाडु में एमडीएमके नेता वाइको ने पुस्तक में प्रकाशित कार्टून पर गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा है कि हिन्दी विरोध आंदोलन तमिलनाडु के इतिहास का शानदार अध्याय है और पुस्तक में प्रकाशित कार्टून में राज्य के छात्रों को गलत ढंग से पेश किया गया है।
इससे पहले भी एनसीईआरटी की पुस्तक में प्रकाशित बी आर अंबेडकर से संबंधित कार्टून पर काफी विवाद हुआ था और बजट सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही बाधित हुई थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 12, 2012, 23:52