Last Updated: Monday, December 26, 2011, 09:20
नई दिल्ली: मुंबई हमले में पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर-ए-तोएबा आतंकी डेविड हेडली की भूमिका के संदर्भ में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की ओर से दायर विस्तृत आरोप पत्र से मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की किरकिरी हुई है।
इस आरोप पत्र में अपराध शाखा की ओर से की जा रही उस जांच का कोई ब्योरा शामिल नहीं किया गया है, जिसमें इस हमले में फहीम अंसारी और सबाउद्दीन की भूमिका की पड़ताल की जा रही है।
शनिवार को एनआईए की ओर से दिल्ली की एक विशेष अदालत में दायर 60 पन्नों के आरोप पत्र में 50 वर्षीय हेडली की जासूसी गतिविधियों का ब्योरा दिया गया है।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने अंसारी और उबाउद्दी पर 26 नवंबर 2008 को लश्कर की ओर 60 घंटे तक चले हमले के दौरान लक्ष्यों की जानकारी मुहैया कराने का आरोप लगाया है। हालांकि सुनवाई अदालत और बंबई हाईकोर्ट पहले ही उन दोनों के खिलाफ कोई सबूत नहीं होने के कारण उन्हें निर्दोष बता चुकी है।
मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त हसन गफूर और हमले के वक्त अपराध शाखा के प्रभारी व अभी एटीएस के प्रमुख राकेश मारिया ने बार-बार अंसारी और अहमद पर हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है। अपराध शाखा ने अपनी पुनर्विचार याचिका में यह दावा किया है कि अंसारी और अहमद ने उन ठिकानों के बारे में पाकिस्तानी आतंकियों को जानकारी मुहैया कराई, जिन पर 26 नवंबर को हमला किया गया।
एनआईए ने इस बात का पूरा ब्योरा दिया है कि हेडली ने किस तरह उन सभी स्थलों का निरीक्षण किया, जहां हमले किए गए। हेडली अभी शिकागो की एक जेल में बंद है।
एजेंसी हेडली के अलावा आठ अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिनमें लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद, 26/11 के मुख्य साजिशकर्ता जकि-उर-रहमान लखवी और पाकिस्तान के दो सैन्य अधिकारी शामिल हैं।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 26, 2011, 14:51