Last Updated: Monday, February 18, 2013, 08:49

नई दिल्ली : सीबीआई और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का एक संयुक्त दल 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच के लिए आज इटली रवाना होगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अंतिम समय में कुछ औपचारिकताओं की वजह से दल की रवानगी में विलंब हुआ। जांच के उद्देश्य से विदेश रवाना होने के पहले इन औपचारिकताओं को पूरा किया जाना जरूरी था।
उन्होंने कहा कि दल मामले के विवरणों का पता लगाने के लिए इतालवी अभियोजकों से मिलेगा।
सूत्रों ने बताया कि दल में सीबीआई के एक डीआईजी, एजेंसी का एक विधि अधिकारी, रक्षा मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी और विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने यह फैसला इसलिए किया क्योंकि वह मामले में 362 करोड़ रुपये की कथित रिश्वतखोरी के संबंध में रक्षा मंत्रालय से कुछ आधिकारिक सूचना पाने में विफल रही।
रक्षा मंत्रालय से सीबीआई को एक पत्र मिला था जिसमें देश में तूफान खड़ा करने वाले इस मामले की जांच की मांग की गई है। पत्र के साथ भारतीय और इतालवी मीडिया में प्रकाशित कुछ खबरों की कतरनें संलग्न की गई थीं जिसके बारे में सीबीआई का कहना है कि यह मामला दर्ज करने का आधार नहीं हो सकता। सीबीआई ने रोम में भारतीय मिशन से मदद मांगी थी। वह भी एजेंसी को कोई भी प्रामाणिक अदालती दस्तावेज प्रदान नहीं कर सकी।
उन्होंने कहा कि इसके बाद सीबीआई ने इंटरपोल से मदद मांगी। उसने भी एजेंसी की मदद करने में अक्षमता जाहिर की क्योंकि एजेंसी ने कोई नियमित मामला नहीं दर्ज किया है।
रक्षा मंत्रालय ने कल संयुक्त सचिव और भारतीय वायु सेना के एयर कोमोडोर के नेतृत्व में एक दल भेजा था जिन्होंने सीबीआई को निविदा प्रक्रियाओं और अगस्ता वेस्टलैंड के साथ हेलिकॉप्टर सौदे को अंतिम रूप देने में विभिन्न चरणों की जानकारी दी थी।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि, जब सीबीआई अधिकारियों ने रिश्वतखोरी के आरोपों के बारे में दबाव डाला तो दल अधिकारियों को कोई जवाब नहीं दे सका। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 18, 2013, 08:49