हेलीकॉप्टर सौदा: भारत ने ब्रिटेन से मांगा ब्यौरा

हेलीकॉप्टर सौदा: भारत ने ब्रिटेन से मांगा ब्यौरा

हेलीकॉप्टर सौदा: भारत ने ब्रिटेन से मांगा ब्यौरानई दिल्ली : रक्षा मंत्री एके एंटनी ने शनिवार को कहा कि भारत ने इटली के साथ वीवीआईपी हेलिकाप्टर सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों पर ब्रिटेन से ब्यौरा मांगा है और इस मामले में किसी तरह की अनियमितता का पता लगने पर ‘कड़ी कार्रवाई’ की जाएगी।

आईडीएसए सम्मान समारोह से इतर इस मामले में हुई प्रगति के बारे में पूछे जाने पर एंटनी ने कहा कि यह करार ब्रिटेन स्थित एक कंपनी के साथ हुआ है। हमने विदेश मंत्रालय से इस मामले को ब्रिटेन के सामने रखने का आग्रह किया है। एंटनी ने कहा कि सरकार मीडिया की खबरों में लगाए गए आरोपों की सचाई पता लगाने के लिए ‘गंभीरता और निष्ठा’ से प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि हम मीडिया की इन खबरों के बारे में विदेश मंत्रालय के जरिए पहले ही इटली सरकार को लिख चुके हैं ताकि इस बात की जानकारी मिल सके कि क्या कोई बिचौलिया या भारत की कोई कम्पनी इसमें शामिल है, क्योंकि हमारे कानूनों में इसकी इजाजत नहीं है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत में इटली के राजदूत को भी इस मामले में भारत की ‘गंभीरता’ से अवगत करा दिया गया है और उनसे इस मामले में जल्द से जल्द जानकारी देने को कहा गया है।

एंटनी ने कहा कि अगर मीडिया की खबरों में जरा सी भी सच्चाहई है, अगर कोई भी अनियमिता या नुकसान हुआ है, तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में मीडिया की खबरों में कहा गया है कि 56 करोड़ यूरो वाले 12 एडब्ल्यू.101 हेलिकाप्टरों के भारतीय सौदे में कथित रिश्वत देने के लिए स्विटजरलैंड में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश देने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहले हमें ब्रिटेन एवं इटली से ब्योरा मिलने दीजिए और तक हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। उनके पूर्ववर्ती की ओर से वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे की गुणवत्ता संबंधी पात्रता को बदले जाने संबंधी खबरों के बारे में एंटनी ने कहा कि उपकरणों की खरीद की पात्रता सेवओं के मुख्यालय से तैयार की जाती है।

जम्मू कश्मीर की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हिंसा का स्तर घटा है, लेकिन घुसपैठ की कोशिशों में बढ़त ‘चिंता का विषय’ है। उहोंने कहा कि इसलिए मैंने कहा कि हम जल्दबाजी में अफ्सपा (सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून) हटाने पर फैसला नहीं ले सकते हैं। सियाचीन से सेना हटाने संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हमारा रवैया बिलकुल स्पष्ट है। इनमें कोई बदलाव नहीं आया है और हम यहां (सियाचीन) से सेना हटाने के पक्ष में नहीं हैं। (एजेंसी)

First Published: Saturday, November 10, 2012, 14:58

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