Last Updated: Wednesday, February 13, 2013, 22:58

नई दिल्ली : भाजपा ने आज वीवीआईपी हेलीकाप्टर खरीद मामले में कथित रिश्वत देने के आरोपों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को निशाने पर लेते हुए कंपनी के इतालवी मूल के होने के पहलू को हवा दी जबकि विभिन्न राजनीतिक दलों 3600 करोड़ रूपये के इस सौदे को रद्द करने की मांग की। राजनीतिक दलों ने कहा कि वे इस मुद्दे को संसद के आगामी बजट सत्र में उठायेंगे। उन्होंने कहा कि इतालवी अभियोजन ने जिस रिश्वत और दलाली दिये जाने की बात को स्वीकार किया है, उसे किन किन लोगों को दिया गया, इसका खुलासा होना चाहिए।
बहरहाल, कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह दुष्प्रचार कर रही है। मुख्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर संसद को उसी तरह बाधित करने की योजना बना रहा है जैसा कि 2जी और अन्य मुद्दों पर पूर्व में किया गया था। कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने तत्परता से सीबीआई जांच के आदेश दिये। पार्टी ने यह भी कहा कि समुचित जांच के बिना किसी को भी फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने यहां कहा, ‘‘यह बोफोर्स जैसा मामला है। जब रिश्वत देने वाले को पकड़ लिया गया, लेकिन रिश्वत पाने वाले की पहचान नहीं की गई। भारत सरकार कब तक रिश्वत लेने वालों को बचाएगी। भाजपा इस मामले को संसद में उठाएगी और सरकार से यह बताने की मांग करेगी कि रिश्वत लेने वाले कौन हैं और कौन उन्हें बचा रहा है।’’ भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने भी सवाल किया, ‘‘ हेलिकाप्टर सौदा घोटाले में यहां (भारत) जांच क्यों नहीं हो रही है, जबकि इटली में इस मामले की जांच को रही है? क्या ऐसा इसलिए है कि कंपनी इटली की है? ’’ इस हैलिकाप्टर की भविष्य की आपूर्ति पर तुरंत रोक लगाने की मांग करते हुए उन्होंने इस पूरे सौदे की समीक्षा करने की मांग की। प्रसाद ने कहा, ‘‘ मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी से पूछना चाहता हूं कि इतने सारे घोटाले के साथ वे किस तरह का भारत बनाना चाहते हैं? ’’ पूर्व वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी के इस खुलासे पर कि सौदे में विवादास्पद बदलाव राजग शासन के समय हुए, प्रसाद ने कहा, ‘‘त्यागी की टिप्पणी को घाव पर नमक के रूप में लेना चाहिए। उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए। कहा जा रहा है कि इसमें उनके रिश्तेदार शामिल हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि राजग शासन के दौरान कोई हेलिकाप्टर नहीं खरीदा गया और कोई रिश्वत नहीं ली गई।
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘मैं इस घोटाले में दूसरा बोफोर्स घोटाल बनते देख रहा हूं। सरकार यह नहीं बता पाई कि इस मामले की जानकारी होने के बावजूद वह एक साल से चुप्पी क्यों साधे रही? ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस सौदे से कई सवाल खड़े हुए हैं। इटली के एक श्रीमान ओत्तावियो क्वात्रोच्चि हैं जो बोफोर्स घोटाले में शामिल थे। उन्हें बचाने की कई कोशिशें की गई। यह हेलिकाप्टर कंपनी भी इटली की है। क्या यह एक कारण है कि पिछले एक साल से इस मामले की जांच नहीं करवाने का? ’’ वाम दलों ने भी रिश्वत के आरोपों के चलते सौदे को रद्द करने की मांग करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वह पिछले आठ सालों में रक्षा सौदों में उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार पर लगाम कसने में नाकाम रही है।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे को उठाकर सरकार का जवाब मांगेगी। भाकपा नेता डी राजा ने कंपनी को काली सूची में डालने की मांग करते हुए रिश्वत लेने वालों के खिलाफ फौरन अभियोजन चलाने को कहा। सपा प्रवक्ता कमाल फारूकी ने भी सौदे को रद्द करने की मांग की। जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि घोटाले होते जा रहे हैं लेकिन भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कदम नहीं उठाये जा रहे।
कांग्रेस प्रवक्ता पी सी चाको ने कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी के पास संसद के आगामी बजट सत्र से पहले कोई अन्य एजेंडा नहीं है लिहाजा वह रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार को लेकर गुमराह करना चाहती है। उन्होंने कहा कि एंटनी पहले ही कह चुके हैं कि यदि कोई अनियमितता पायी गयी तो कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि इतनी तत्परता से कार्रवाई करने और स्पष्ट रूप से घोषणा करने के बावजूद भाजपा इस मुद्दे को इसलिए तूल दे रही है क्योंकि उनकी मंशा सत्र में इसे एक मुद्दा बनाने और अवरोध उत्पन्न करने का है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘हमारे रक्षा मंत्री ने इसे (जांच को) सीबीआई को सौंप दिया है । राजग सरकार होती तो क्या करती । क्या बिना जांच के किसी को सूली पर चढाया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि ‘अगस्तावेस्टलैंड’ हेलीकॉप्टर खरीद के मामले को अलग नजरिये से देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदने का प्रस्ताव राजग सरकार द्वारा किया गया था। दूसरी बात यह कि यह इस तरह का उपलब्ध एक सर्वश्रेष्ठ हेलीकॉप्टर है और तीसरी बात यह कि इसे ऐसी कीमत पर खरीदा गया जो बहुत ही प्रतिस्र्पद्धी थी । सिंह ने कहा, ‘‘मैं भाजपा से अनुरोध करूंगा कि वह यह बताये कि इसमें और ज्यादा क्या किया जा सकता है क्योंकि उनके कार्यकाल में अगर ऐसी स्थिति आती तो वे क्या करते। बिना उचित जांच के किसी व्यक्ति को फांसी कैसे दी जा सकती है और सीबीआई खुद से इसकी जांच करेगी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 13, 2013, 22:58