हेलीकॉप्टर सौदे में अगस्ता को कारण बताओ नोटिस, जांच के लिए इटली जाएगी CBI की टीम-- India moves to scrap chopper deal, to send CBI team to Italy

हेलीकॉप्टर सौदे में अगस्ता को कारण बताओ नोटिस, जांच के लिए इटली जाएगी CBI की टीम

हेलीकॉप्टर सौदे में अगस्ता को कारण बताओ नोटिस, जांच के लिए इटली जाएगी CBI की टीमनई दिल्ली : अतिविशिष्ट व्यक्तियों के लिए हेलीकॉप्टरों की खरीद में 362 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी के आरोप सामने आने के बाद सरकार ने आज इतालवी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलिकॉप्टर खरीदने के सौदे को रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता शांतनु कार ने बताया कि मंत्रालय ने अगस्ता वेस्टलैंड को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर रिश्वत के आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा है।

साथ ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम मामले की जांच करने इटली जाएगी।

मंत्रालय के नोटिस में कंपनी से पूछा गया है कि वर्ष 2010 के 36 हजार करोड़ रुपये के सौदे को रद्द क्यों नहीं कर दिया जाए। प्रवक्ता ने कहा, ‘रक्षा मंत्रालय ने अगस्ता वेस्टलैंड को एक औपचारिक कारण बताओ नोटिस जारी कर करार को रद्द करने और करार की शर्तों के आधार पर अन्य कार्रवाई की मांग की।’

करीब 3600 करोड़ रुपए के अतिविशिष्ट हेलीकाप्टर सौदे में कथित रिश्वतखोरी के रहस्य को दूर करने के मकसद से सीबीआई अपना एक दल इटली भेज रही है ताकि उसकी जांच में कुछ प्रगति हो सके।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीबीआई का फैसला ऐसे समय में आया है जबकि कथित तौर रिश्वत देने के मामले में रक्षा मंत्रालय की ओर से एक तरह से आधिकारिक तौर पर कोई सुराग नहीं दिये गये। यह दल जल्द ही रवाना हो सकता है।

रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई को इस मामले की जांच के लिए एक पत्र सौंपा है। इस पत्र के साथ इटली तथा भारतीय मीडिया की कतरने भी दी गई हैं जिस पर सीबीआई ने कहा कि इसके आधार पर मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने रोम में भारतीय दूतावास से भी सहायता मांगी लेकिन वह भी एजेंसी केा अदालत के प्रमाणिक दस्तावेज मुहैया कराने में असफल रहा।

सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा सीबीआई ने इंटरपोल से मदद मांगी जिसने एजेंसी द्वारा एक नियमित मामला दर्ज नहीं करने की वजह से किसी भी प्रकार की मदद देने से इंकार कर दिया।

फिनमेकेनिका’ के सीईओ जी. ओरसी की गत मंगलवार को मिलान में गिरफ्तारी के बाद भारत ने बाकी बचे हेलीकाप्टरों की प्राप्ति और बाकी बचे भुगतान पर भी रोक लगा दी। भारत को तीन हेलीकाप्टर प्राप्त हो चुके हैं जबकि तीन और हेलीकाप्टर की आपूर्ति अगले महीने होनी थी।

सरकार की ओर से यह कार्रवाई ऐसे समय की गई है जब वह 21 फरवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के हमले झेलने की तैयारी कर रही है। भाजपा और समाजवादी पार्टी ने कहा है कि वे इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे और कथित घोटाले में सरकार से जवाब मांगेंगे।

सरकार ने कल फिनमेकेनिका से यह पूछा था क्या राशि का भुगतान किसी भारतीय संस्था या व्यक्ति को अवैध रूप से किया गया ‘‘जिससे इंटेग्रिटी पैक्ट या संविदा की अन्य शर्तों का उल्लंघन होता हो।’’ रक्षा मंत्रालय ने कल कहा था कि सरकार दोषी पक्षों के खिलाफ सभी संभव कानूनी एवं प्रशासनिक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है और इसके तहत सीबीआई द्वारा विस्तृत जांच के आदेश दे दिये गए हैं।

रक्षा मंत्रालय ने कल कहा था कि कंपनी के साथ हुआ करार एक समग्र समझौते के तहत हुआ, जिसमें रिश्वत देने और बिचौलियों को शामिल करने पर रोक है। मंत्रालय ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी जिसमें संविदा को रद्द करना, भुगतान की वापसी, कंपनी को काली सूची में डालना और विक्रेताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

मंत्रालय ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड से हुये करार में ‘‘रिश्वतखोरी और अनुचित प्रभाव के इस्तेमाल के खिलाफ विशिष्ट अनुबंध प्रावधान शामिल हैं। करार के 22वें अनुच्छेद में एक धारा अनुचित प्रभाव के लिये सजा से संबंधित है। इस अनुच्छेद में ‘खरीददार’ को ‘बिक्रेता’ से करार रद्द करने और इस सूरत में होने वाले किसी भी नुकसान को वसूलने का अधिकार है।’’

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि समग्र करार के प्रावधानों में किसी तरह के उल्लंघन से ‘खरीदार’ को ‘विक्रेता’ के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार मिल जाता है, जिसमें बयाने की जब्ती, कोई हर्जाना दिये बगैर करार को रद्द करना, पहले से अदा पूरी रकम की सूद समेत वापसी और अन्य किसी करार को रद्द करना शामिल है। (एजेंसी)

First Published: Friday, February 15, 2013, 22:23

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