Last Updated: Thursday, April 19, 2012, 13:25
नई दिल्ली : सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाड़िया को सूचना का अधिकार से जुड़े उनके हालिया बयान की बाबत खत लिखा है। मुख्य न्यायाधीश ने हाल ही में बयान दिया था कि आरटीआई के तहत पूछे गए अप्रासंगिक सवालों से न्यायपालिका का काम बाधित हुआ है।
न्यायमूर्ति कपाड़िया की टिप्पणी की बाबत सूचना आयुक्त ने खत के जरिए उन्हें लिखा है कि इस बयान से देश में आरटीआई के सफर का हौसला कम हो सकता है। मुख्य न्यायाधीश को लिखे गए खत में गांधी ने कहा कि मैं आपसे कहना चाहूंगा कि शासन में पारदर्शिता पोषित लक्ष्य है और सरकार के सभी कर्मचारियों और साधनों को ज्यादा पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के प्रयास करने चाहिए।
आपकी टिप्पणियां भारत में आरटीआई के सफर के हौसले को कम कर सकती हैं। न्यायपूर्ति कपाड़िया ने बयान दिया था कि आरटीआई कानून ‘अच्छा’ तो है पर आमंत्रण, भोज में शामिल होने और इसी तरह के सवालों के जरिए कई सूचनाएं मांगी गईं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि इन सबकी कोई सीमा होनी चाहिए । मुख्य न्यायाधीश के विचारों से असहमति जताते हुए गांधी ने कहा कि आदर्शवादी तौर पर नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर बहुत थोड़ी सी सीमाएं होनी चाहिए। ये सीमाएं सिर्फ संसद की ओर से तय की जानी चाहिए जिसने पहले ही आरटीआई कानून में सूचना का अधिकार संहिताबद्ध कर ऐसा कर दिया है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 19, 2012, 18:55