11 करोड़ ग्रामीण खुले में जाते हैं शौच

11 करोड़ ग्रामीण खुले में जाते हैं शौच

नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को माना कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में 16.78 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से मात्र 5.15 करोड़ परिवारों के पास ही शौचालय की सुविधा है जबकि 11.29 करोड़ ग्रामीण परिवार खुले में शौच जाते हैं।

पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री भरत सिंह सोलंकी ने सोमवार को यहां राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 32.53 लाख परिवारों को सार्वजनिक शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक।,96,49,918 ग्रामीण परिवार शौचालय की सुविधा से वंचित हैं। बिहार में।,37,76,940 ग्रामीण परिवारों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है।

इसके अलावा आंध्रप्रदेश के 92,77,643 ग्रामीण परिवार, छत्तीसगढ़ के 37,33,268 ग्रामीण परिवार, गुजरात के 44,49,164 ग्रामीण परिवार, झारखंड के 42,95,812 ग्रामीण परिवार और कर्नाटक के 53,56,694 ग्रामीण परिवार शौचालय की सुविधा से वंचित हैं।

सोलंकी ने बताया कि मध्यप्रदेश के 96,12,238 ग्रामीण परिवारों, महाराष्ट्र के 72,62,645 ग्रामीण परिवारों, ओडिशा के 68,96,152 ग्रामीण परिवारों, राजस्थान के 75,79,854 ग्रामीण परिवारों और तमिलनाडु के 70,07,398 ग्रामीण परिवारों को शौचालय उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने पी. राजीव, रशीद मसूद और कनिमोई के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यो में तेजी लाने के लिए संपूर्ण स्वच्छता अभियान में व्यापक बदलाव किया गया है। इसका नाम अब 12 वीं पंचवर्षीय योजना में ‘निर्मल भारत’ अभियान रखा गया है।

सोलंकी ने वर्ष 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को स्वच्छता सुविधाएं मुहैया कराने के सरकार के लक्ष्य को दोहराते हुए कहा कि निर्मल भारत अभियान के लिए आवंटन 11 वीं पंचवर्षीय योजना के अंतिम वर्ष 2011..12 में 1500 करोड़ रूपये था जिसे 12 वीं पंचवर्षीय योजना के पहले वर्ष 2012..13 के बजट अनुमान में बढ़ा कर 3500 करोड़ रूपये कर दिया गया है। (एजेंसी)

First Published: Monday, November 26, 2012, 15:02

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