Last Updated: Thursday, April 12, 2012, 13:57
नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय को गुरुवार को राष्ट्रपति का संदर्भ पत्र (प्रेजिडेंशियल रेफरेंस) मिल गया, जिसके जरिये केंद्र सरकार ने न्यायालय से सरकार के नीतिगत फैसलों में उसके हस्तक्षेप और प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन नीलामी के ही जरिये किए जाने पर जोर देने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। संदर्भ पत्र में जो सवाल उठाए गए हैं, उनमें एक यह भी है कि क्या न्यायालय विदेशी कम्पनियों की ओर से बहुपक्षीय या द्विपक्षीय समझौतों के तहत किए गए निवेश के बारे में विचार किए बगैर सरकार के नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप कर सकता है?
संदर्भ पत्र सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 122 टेलीकॉम लाइसेंस रद्द करने और यह फैसला देने के बाद आया है कि नीलामी ही प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन का एकमात्र जरिया है। संदर्भ पत्र में 12 सवाल उठाए गए हैं और इन पर न्यायालय से परामर्श मांगा गया है। इसमें पूछा गया है कि क्या नीलामी ही सभी क्षेत्रों में और सभी परिस्थितियों में प्राकृतिक संसाधनों के निष्पादन का एकमात्र तरीका है। संदर्भ पत्र में यह भी पूछा गया है कि क्या नीलामी का जरिया बड़ी पीठों सहित सर्वोच्च न्यायालय के कई अन्य फैसलों के विपरीत नहीं है?
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 12, 2012, 20:02