Last Updated: Saturday, December 17, 2011, 04:01
नई दिल्ली: याचिकाकर्ता ने दिल्ली की अदालत से कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम को 2जी मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए क्योंकि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के साथ संयुक्त रूप से उन्होंने स्पेक्ट्रम के मूल्यों पर निर्णय किया था । राजा मामले के मुख्य आरोपी हैं ।
चिदंबरम के खिलाफ अभियोग चलाने की मांग वाली निजी शिकायत पर गवाही देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि अकेले राजा को दोषी नहीं मानना चाहिए कि उन्होंने 2008 में 2001 के दामों पर स्पेक्ट्रम लाइसेंस के मूल्य तय किये ।
याचिकाकर्ता ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा कि राजा को इस आरोप (वर्ष 2001) के मामूली मूल्यों पर स्पेक्ट्रम मूल्य तय करनें में अकेले दोषी नहीं बताया जा सकता । याचिकाकर्ता ने कहा कि 2003 के कैबिनेट के निर्णय के मुताबिक राजा और तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम को संयुक्त रूप से स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारित करने का अधिकार प्राप्त था।
याचिकाकर्ता ने कहा कि 24 फरवरी 2011 को प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में बयान दिया था कि 2003 के कैबिनेट निर्णय के आधार पर स्पेक्ट्रम के मूल्य तय किये गये थे । कैबिनेट निर्णय में खास तौर से कहा गया कि मुद्दे पर निर्णय वित्त मंत्रालय और दूरसंचार मंत्रालय को करना है ।
अदालत ने आठ दिसम्बर को याचिकाकर्ता की निजी शिकायत पर उन्हें गवाही देने की इजाजत दे दी । शिकायत में उन्होंने चिदंबरम पर अभियोग चलाने की मांग की ।
अदालत ने याचिकाकर्ता के और बयान दर्ज करने की तारीख सात जनवरी तक टाल दी जिस दिन मामले की अगली सुनवाई होनी है ।
अदालत ने इससे पहले याचिकाकर्ता की याचिका के एक हिस्से को मंजूरी देते हुए कहा था कि उनकी गवाही की प्रासंगिकता के बाद ही सरकारी अधिकारियों सहित अन्य गवाहों को बुलाने की उनकी याचिका को मंजूरी मिलेगी ।
एक अन्य अदालत में जनवरी में गवाही देने वाले याचिकाकर्ता ने इस आधार पर फिर से गवाही देने की अनुमति मांगी थी कि वह चिदंबरम की भूमिका से अवगत नहीं थे ।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, December 17, 2011, 18:13