Last Updated: Monday, November 14, 2011, 11:55
नई दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के पूर्व अधिकारी आरपी सिंह 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की पड़ताल कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष सोमवार को पेश हुए और सूत्रों ने कहा कि वह स्पेक्ट्रम आवंटन से केवल 2,645 करोड़ रुपये के नुकसान के अपने अनुमान पर कायम हैं।
सूत्रों ने कहा कि कैग के पूर्व महानिदेशक (अंकेक्षण) सिंह अपने उस कथन पर कायम हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि राजस्व बढ़ाना अंकेक्षण का उद्देश्य नहीं था और इसे बाद में एक उद्देश्य के तौर पर जोड़ा गया।
संप्रग के एक नेता जो संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य हैं, के मुताबिक सिंह ने समिति को बताया कि चूंकि ट्राई ने स्पेक्ट्रम की नीलामी पर निर्णय नहीं किया और केन्द्रीय कैबिनेट ने भी इसी तर्ज पर निर्णय किया, नुकसान का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सका। दूसरी ओर, विपक्ष अपने इस रुख पर अड़ा है कि यह सिंह ही थे, जिन्होंने पहले, लोक लेखा समिति के समक्ष बयान दिया था कि कैग कैसे 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान के अनुमान पर पहुंचा। ये पार्टियां जानना चाहती हैं कि क्या सिंह अपने पहले के रुख पर सही थे या अब उनका जो रुख है, वह सही है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में हुए 2,645 करोड़ रुपये के नुकसान के अपने अनुमान पर कायम हैं, सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि मैं अपने रुख पर कायम हूं।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 14, 2011, 17:25