Last Updated: Friday, November 11, 2011, 04:07
नई दिल्ली : 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में दिल्ली की एक अदालत में शुक्रवार को सुनवाई शुरू हो गई जिसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई, कारपोरेट जगत के कई दिग्गज और दूरसंचार कंपनियां प्रमुख आरोपी हैं।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में रिलांयस कैपिटल लिमिटेड के सहायक उपाध्यक्ष आनंद सुब्रमण्यम के बयान की रिकार्डिंग शुरू की।
अदालत ने अभियोजन पक्ष के दो अन्य गवाहों रिलायंस समूह के अध्यक्ष ए एन सेथुरमन और एतिसलात डी बी टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य नियामक अधिकारी विनोद कुमार बुधिराजा को जांच के लिये सम्मन किया है।
सीबीआई ने अपनी पहली सूची में 28 लोगों का नाम सौंपा है जिनको नवंबर महीने में अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पूछताछ किया जाना है।
अदालत ने तीन दूरसंचार कंपनियों समेत 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के बाद सुनवाई शुरू करने के लिये आज का दिन निर्धारित किया था।
प्रथम सूची में 28 में से 11 गवाह रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के हैं जो यह बताती है कि एजेंसी आरोपी कंपनियों रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और शाहिद उस्मान बलवा द्वारा प्रवर्तित स्वान टेलीकॉम के खिलाफ लगे आरोपों से पहले निपटना चाहती है।
राजा और कनिमोई के अलावा अदालत ने रिलायंस एडीएजी के प्रबंध निदेशक गौतम दोषी, इसके समूह अध्यक्ष सुरेंद्र पिपारा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरि नायर, शाहिद उस्मान बलवा, यूनिटेक लिमिटेड के एम डी संजय चंद्रा, डी बी रिअल्टी के एम डी विनोद गोयनका, कलैगनर टीवी के एम डी शरद कुमार और बालीवुड के फिल्मकार करीम मोरानी के खिलाफ आरोप तय किया है।
पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिआ और अन्य के अलावा तीन दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ भी इस मामले में सुनवाई होगी।
सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किया गया है। राजा ने अदालत से कहा कि जब तक सीबीआई 2जी मामले की जांच पूरी नहीं कर लेती तब तक वह अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह नहीं करेंगे ।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 11, 2011, 16:00