2जी षड्यंत्र राजा ने रचा था: पूर्व सहयोगी - Zee News हिंदी

2जी षड्यंत्र राजा ने रचा था: पूर्व सहयोगी



नई दिल्ली : जेल में बंद पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा के पूर्व अतिरिक्त निजी सहायक आसीर्वादम आचार्य ने सोमवार को यहां केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में कहा कि डीएमके नेता ने मंत्रालय का कार्यभार सम्भालने से काफी पहले ही 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस का षड्यंत्र रच लिया था।

 

2जी मामले में आचार्य सीबीआई के गवाह हैं। विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी के समक्ष गवाही देते हुए आचार्य ने कहा कि राजा की पार्टी सहयोगी तथा सांसद कनिमोझी भी इस षड्यंत्र में शामिल थीं। उन्होंने कहा कि उनमें निकटता थी और वे नियमित रूप से मिला करते थे।

 

उन्होंने कहा कि राजा जब केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री थे, तब यूनीटेक के संजय चंद्रा, डीबी समूह के शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका उनसे अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं की मंजूरी के लिए मिला करते थे।
आचार्य ने कहा कि वे राजा से नियमित मिलते थे और वे उनके तत्कालीन निजी सचिव आरके चंदोलिया के भी सम्पर्क में थे। उन्होंने कहा कि स्वान टेलीकॉम से जुड़े लोग भी पूर्व मंत्री से मिला करते थे। उन्होंने यह भी कहा कि राजा ने कलैगनार टीवी को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से चैनल हासिल करने में मदद की। उन्होंने कहा कि राजा, कनिमोझी, शाहिद बलवा, विनोद गोयनका और संजय चंद्रा सभी 2जी षड्यंत्र में शामिल थे।

 

आचार्य ने इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गए एक पत्र में राजा के हस्ताक्षर की पहचान की, जिसमें पहले आओ, पहले पाओ सिद्धांत पर स्पेक्ट्रम आवंटन की सिफारिश की गई थी। उन्होंने कहा कि यूनीटेक और स्वान टेलीकॉम को कम कीमत पर नेटवर्क लाइसेंस तथा स्पेक्ट्रम दिए गए।

 

आचार्य ने कहा कि बाद में तत्कालीन संचार मंत्री राजा ने कलैगनार टीवी चैनल को टाटा स्काई पर भी लाने की कोशिश की। इसके लिए वह नीरा राडिया की मदद ले रहे थे, जो तब दूरसंचार विभाग में टाटा से संबंधित मामलों में टाटा का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। 2जी मामले में 19 लोगों तथा छह कम्पनियों को आरोपी बनाया गया है। राजा और पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा को छोड़कर अन्य आरोपियों को जमानत पर छोड़ा जा चुका है।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 20, 2011, 00:34

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