Last Updated: Thursday, September 8, 2011, 04:33

गृह मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट परिसर में हुए विस्फोट में शुरुआती जांच से ऐसा संकेत मिला है कि इसमें नाइट्रेट आधारित विस्फोटक को पीईटीएन के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया गया.
गृह मंत्रालय के मुताबिक इस विस्फोट में दो किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई जबकि 76 अन्य घायल हो गए.
आतंरिक सुरक्षा सचिव यूके बंसल ने संवाददाताओं से कहा कि बम धमाके में दो किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया जिसके कारण दो फुट गहरा गड्ढा हो गया. यह आकलन किया गया है कि अधिकतर लोगों की मौत विस्फोट के कारण हुई (लोहे के कीलों के कारण नहीं).
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के स्वागत कक्ष के पास एक ब्रीफकेस में रखे विस्फोटक के कारण विस्फोट से एक छोटा गड्ढा बन गया.
उन्होंने कहा कि विस्फोट स्थल पर जांच से ऐसा संकेत मिला है कि इसमें नाइट्रेट आधारित विस्फोटक के साथ पीईटीएन (पेंटा इरीथ्रिटाल टेट्रानाइट्रेट) का इस्तेमाल किया गया है.’’
पीईएनटी एक घातक विस्फोटकपीईएनटी एक घातक विस्फोटक होता है जिसका पूरी दुनिया में आतंकवादी विस्फोट के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसका इस्तेमाल 2001 में अमेरिका में, 2009 में फिलीपीन में और 2010 में लंदन एवं दुबई में किया गया था.
बंसल ने कहा कि सीएफएसएन दिल्ली के एक दल ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाये और इसकी जांच की. एनएसजी के दल ने भी नमूने जुटाये हैं. जांच रिपोर्ट जल्द ही एनआईए को उपलब्ध करायी जायेगी.’’
उन्होंने कहा कि इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई है जबकि 76 अन्य घायल हो गए हैं.
First Published: Thursday, September 8, 2011, 10:03