Last Updated: Tuesday, April 30, 2013, 08:38

अहमदाबाद : सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंगलवार को कहा कि उसने जो सबूत जुटाए हैं उनसे पता चलता है कि आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट 27 फरवरी, 2002 को हुई उस उच्चस्तरीय बैठक में मौजूद नहीं थे जिसमें मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित तौर पर पुलिस को दंगाइयों के प्रति नरम रूख अपनाने के निर्देश दिए थे।
भट्ट ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा था कि वह उस बैठक में मौजूद थे जिसमें मोदी ने कथित तौर पुलिस को दंगाइयों को ‘उनका गुस्सा निकालने के लिए’ और गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना में शामिल लोगों को ‘सबक सिखाने’ के लिए छूट देने के निर्देश दिए थे।
एसआईटी के वकील आरएस जमुआर ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में बताया कि जांच एजेंसी ने बैठक को लेकर स्वतंत्र जांच की।
अदालत गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी द्वारा दायर की गयी याचिका पर सुनवायी कर रही थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 30, 2013, 08:38