2003 के ट्राटा वाहन डील में हुई थी उपेक्षा!

2003 के ट्राटा वाहन डील में हुई थी उपेक्षा!


नई दिल्ली : सीबीआई ने दावा किया है कि ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है, जिससे इस बात का पता चले कि पीएसयू बीईएमएल ने रविंदर ऋषि के साथ टाट्रा वाहनों की आपूर्ति के समझौते पर 2003 में हस्ताक्षर करने के दौरान रक्षा मंत्रालय को अंधेरे में रखा था।

सीबीआई सूत्रों ने दावा किया कि 2003 के समझौते पर बीईएमएल के निलंबित अध्यक्ष वीआरएस नटराजन और रविंदर ऋषि ने हस्ताक्षर किया था, जबकि समझौते से जुड़ा ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है जो यह दिखा सके कि रक्षा मंत्रालय को अनुबंध का नवीकरण करने से पहले विश्वास में लिया गया था।

वहीं, नटराजन और ऋषि दोनों ही लोगों ने टाट्रा वाहनों की आपूर्ति समझौते में किसी तरह की गड़बड़ी होने की बात से इनकार किया है। सूत्रों के मुताबिक नियमों के मुताबिक रक्षा करार केंद्र सरकार की अवहेलना कर नहीं की जा सकती है, लेकिन 2003 का समझौता बीईएमएल द्वारा किए गए उल्लंघनों का उदाहरण है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, June 13, 2012, 13:16

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