2003 विस्फोट पर फैसला 12 दिसंबर को - Zee News हिंदी

2003 विस्फोट पर फैसला 12 दिसंबर को

मुंबई : मुंबई में वर्ष 2003 में हुए दो बम विस्फोटों के मामले में तीन दोषियों को मिली मौत की सजा की पुष्टि के लिए बंबई उच्च न्यायालय में चल रही बहस शनिवार को समाप्त हो गया।

 

बचाव पक्ष की वकील सुजैन कंजुरामन ने बताया कि न्यायाधीश एएम खानविलकर और पीडी कोडे की खंडपीठ 12 दिसंबर को फैसला सुनाएगी। पीठ ने अंतिम बहस के लिए आज विशेष सुनवाई की।

 

अशरत अंसारी (32), हनीफ सैयद अनीस (46) और उसकी पत्नी फहमिदा सैयद (43) को 25 अगस्त 2003 में दो टैक्सियों में शक्तिशाली बम रखने का दोषी करार दिया। इनसे गेटवे ऑफ इंडिया और जावेरी बाजार में हुए विस्फोट से 52 लोगों की मौत हो गई थी।

 

अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह साजिश हनीफ, अशरत, नसीर और कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने की थी। पाकिस्तानी नागरिकों के दुबई में लश्कर-ए-तैयबा से संबंध थे।

 

लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े इन तीनों को 28 जुलाई 2003 को घाटकोपर में एक सरकारी बस में विस्फोट करने के मामले में पोटा अदालत ने भी दोषी करार दिया है। इस घटना में दो लोग मारे गए थे। इस मामले में तीनों को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, पोटा, विस्फोटक सामग्री अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निरोधक अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया है।

 

पुलिस के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा ने इस घटना में पहली बार विस्फोट करने के लिए एक परिवार का इस्तेमाल किया था। जांचकर्ताओं का कहना है कि इस घटना के पीछे मंशा गुजरात में वर्ष 2002 में गोधरा के बाद हुए दंगों में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा का बदला लेना था। इन्हें निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। (एजेंसी)

First Published: Saturday, November 12, 2011, 19:57

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