'2025 तक दिल्ली में होंगे सबसे ज्यादा लोग' - Zee News हिंदी

'2025 तक दिल्ली में होंगे सबसे ज्यादा लोग'



नई दिल्ली : जनसंख्या के लिहाज से दुनिया के सबसे तेजी से दौड़ते शहरों में दिल्ली की रफ्तार सबसे तेज हैं और अगर यही हालत रही तो अगले 15 बरस में हमारे देश की राजधानी पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर बन जाएगी।

 

टाइम पत्रिका ने भविष्य के सबसे ज्यादा आबादी वाले जिन 10 शहरों की सूची जारी की है उनमें दिल्ली सहित भारत के तीन महानगरों को शामिल किया गया है। छह करोड़ 41 लाख की आबादी के साथ दिल्ली पहले स्थान पर है। इस सूची में आर्थिक राजधानी मुंबई चौथे और कोलकाता सातवें पायदान पर हैं।

 

अमेरिका की मशहूर पत्रिका टाइम ने दुनिया की आबादी सात अरब तक पहुंचने के ठीक पहले, जारी इस सूची में 10 ऐसे बड़े शहरों को शुमार किया है जिनकी आबादी भविष्य में बहुत तेजी से बढ़ेगी। इस सूची की सबसे खास बात यह है कि विकसित देशों का कोई भी शहर इसमें शामिल नहीं है जबकि भारत के तीन तथा पाकिस्तान के दो शहर और सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन का एकमात्र शहर इसमें शामिल हैं।

 

जनसंख्या के लिहाज से सबसे तेजी से बढ़ते भविष्य के 10 शहरों की इस सूची में भारत की राजधानी दिल्ली पहले, बांग्लादेश की राजधानी ढाका दूसरे और कांगो का शहर किंशासा तीसरे पायदान पर है। टाइम ने मुंबई को चौथे, पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची को पांचवें, नाईजीरिया के शहर लागोस छठे, कोलकाता को सातवें, चीन के शहर शंघाई को आठवें, फिलीपीन्स की राजधानी मनीला को नौंवे और पाकिस्तान के लाहौर को 10वें स्थान पर रखा है।

 

दिल्ली के बारे में टाइम ने लिखा, वर्ष 2025 तक दिल्ली की अनुमानित आबादी छह करोड़ 41 लाख हो जायेगी। टाइम ने दिल्ली के बारे में लिखा, पिछले दो दशक में भारत की राजधानी की आबादी करीब दुगुनी हो गई है और इस तेजी के जारी रहने के पूरे संकेत हैं। भारत में अधिक जन्मदर, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में मौजूद कारोबारी संभावनाओं का आकषर्ण कुछ ऐसे मुख्य कारण हैं जिनसे इस शहर की आबादी बढ़ेगी। उसने कहा, एक समय में केवल राजनीति के केंद्र और सरकारी कर्मचारियों के लिए जाना जाने वाला यह शहर अन्य चीजों के लिए भी चर्चित हो गया है। अगले दशकों में देशी विदेशी प्रवासियों की बाढ़ दिल्ली में आती रहेगी।

 

टाइम ने कहा, विश्लेषकों का अनुमान है कि वर्ष 2025 तक दिल्ली की जीडीपी में 10 गुना की बढ़ोत्तरी होगी। इस राजधानी क्षेत्र से वैश्विक अर्थव्यवस्था में 289 अरब डॉलर के योगदान की उम्मीद है और इस मामले में यह मुंबई को पीछे छोड़ देगा। पत्रिका ने दावा किया कि उत्पादकता दिल्ली की समस्या है और प्रदूषण इस शहर की सबसे स्थाई चुनौती बनता जा रहा है। गर्म और आर्द्र मौसम तथा बेतरतीब यातायात विकल्पों की वजह से राजधानी क्षेत्र में धुंआ और प्रदूषण की एक धुंध सी छाई रहती है। गंदा पानी बिना साफ किए यमुना नदी में गिरता रहता है।

 

भारत की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई शहर के बारे में टाइम ने लिखा, इस शहर की अनुमानित आबादी वर्ष 2025 तक पांच करोड़ 76 लाख तक पहुंच जायेगी। हालांकि दक्षिण एशिया में इस शहर की सबसे ज्यादा जीडीपी है लेकिन मलिन बस्तियां अभी भी इस शहर में बनी हुई है। कोलकाता के बारे में टाइम ने लिखा, हुगली नदी के किनारे बसा शहर कोलकाता भारत की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला शहर है जिसकी आबादी वर्ष 2025 तक चार करोड 56 लाख हो जायेगी। कोलकाता में रहने के लिए घरों की कमी और भीषण ट्रैफिक जाम गंभीर समस्या। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के मुताबिक 31 अक्टूबर को दुनिया की आबादी सात अरब हो जायेगी।

 

जौक साहब ने किसी जमाने में दिल्ली की शान में फरमाया था, कौन जाए जौक ये दिल्ली की गलियां छोड़ के, लेकिन दिल्ली की बढ़ती आबादी में तो यही कहना मुफीद होगा, जा सकें तो चले जाएं दिल्ली की गलियां छोड़ के। (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 27, 2011, 16:38

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