Last Updated: Tuesday, September 18, 2012, 14:06

मुंबई : मुंबई में हुए 26/11 के आतंकवादी हमले के सिलसिले में दोषी करार दिए जा चुके मोहम्मद आमिर अजमल कसाब ने राष्ट्रपति के समक्ष एक दया याचिका दायर की है। कसाब को तकरीबन एक पखवाड़े पहले उच्चतम न्यायालय ने मौत की सजा सुनाई थी।
कड़ी सुरक्षा वाले आर्थर रोड जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने कसाब की ओर से एक दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी है। कसाब आर्थर रोड जेल में ही बंद है। बहरहाल, जेल अधिकारी ने यह नहीं बताया कि कसाब ने दया याचिका कब दायर की।
पिछले हफ्ते कसाब को उच्चतम न्यायालय की ओर से उसे सुनाई गई मौत की सजा संबंधी फैसले की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी गयी थी। जेल के एक अधिकारी ने बताया कि कसाब को तीन दिन पहले उस फैसले की प्रमाणित प्रति दी गई थी, जिसमें उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। एक प्रति उसे दी गई जबकि दूसरी उच्चतम न्यायालय को भेजी गई जिस पर कसाब के दस्तखत थे।
यह सवाल किए जाने पर कि क्या जेल के एक ‘अंडा सेल’ (अंडे के आकार का सेल) में कैद कसाब को उसके सामने मौजूद विकल्पों के बारे में बताया गया था, इस पर अधिकारी ने कहा कि कसाब को सारी प्रक्रियाओं और एक दोषी होने के नाते उसके अधिकारों के बारे में बताया गया था जिसमें दया याचिका की जानकारी भी शामिल थी।
26/11 मामले में कसूरवार करार दिए गए कसाब को सबसे पहले निचली अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी। इसके बाद बंबई उच्च न्यायालय ने भी कसाब को सुनायी गयी मौत की सजा बरकरार रखी और आखिरकार 29 अगस्त को उच्चतम न्यायालय ने भी अपनी अधीनस्थ अदालतों के इस फैसले पर मुहर लगा दी। न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति सी के प्रसाद की पीठ ने 25 साल के कसाब की वह याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उसने खुद को कसूरवार ठहराए जाने और मौत की सजा सुनाए जाने के फैसलों को चुनौती दी थी।
मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के मामले में अकेला कसाब ही जिंदा गिरफ्तार किया जा सका। हमले को अंजाम देने में शामिल रहे बाकी आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 18, 2012, 13:08