Last Updated: Tuesday, July 17, 2012, 16:10

नई दिल्ली: मुंबई में 2008 के आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की एक अदालत के फैसले से खफा भारत ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के न्यायिक आयोग द्वारा एकत्र किये गये साक्ष्य का आतंकी हमले में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए सबूत के रूप में इस्तेमाल हो सकता था।
केन्द्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने कहा कि हमारा मानना है कि पाकिस्तानी आयोग द्वारा एकत्र साक्ष्यों का सबूत के रुप में इस्तेमाल हो सकता था।
वह रावलपिंडी की एक अदालत के उस फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें कहा गया है कि भारत की यात्रा करने वाले न्यायिक आयोग के सभी निष्कर्ष गैर कानूनी हैं और उन्हें मुंबई में 2008 के आतंकी हमलों के आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता।
रावलपिंडी की यह अदालत लश्कर-ए-तैयबा कमांडर जकी उर रहमान लखवी सहित मुंबई आतंकी हमले के सात आरोपियों के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही है।
सिंह ने कहा कि भारत को पाकिस्तान की अदालत के फैसले की जानकारी है और हम इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिए पाकिस्तान के अधिकारियों से अदालत के फैसले की प्रति मांगेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 17, 2012, 16:10