Last Updated: Friday, November 16, 2012, 16:17

नई दिल्ली: दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने हाल में संपन्न 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान जिन सर्कलों के लिए बोली नहीं मिली उनके लिए सरकार ने 31 मार्च तक फिर से नीलामी की योजना बनाई है।
सिब्बल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली एवं मुंबई समेत चार सर्कल में स्पेक्ट्रम की यह नीलामी चालू वित्त वर्ष के अंत तक कराने का इरादा है।
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार नीलामी के फ्लॉप होने का जश्न नहीं मना रही है बल्कि वह आगे बढ़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगली कार्ययोजना पर फैसला करने के लिए अधिकार प्राप्त मंत्रि समूह (ईजीओएम) की बैठक जल्दी ही होगी।
अभी हाल में 2जी स्पेक्ट्रम के लिए दो दिन तक चली नीलामी में कुल 9,407.64 करोड़ रुपए की बोलियां मिली जो न्यूनतम 28,000 करोड़ रुपए के सरकार के लक्ष्य की एक तिहाई के बराबर है। यह नीलामी 2010 में 3जी स्पेक्ट्रम की 35 दिन चली नीलामी प्रक्रिया के आगे बिल्कुल फीकी रही जबकि जबकि भारी प्रतिस्पर्धा के बीच सरकार को 67,719 करोड़ रुपए हासिल हुए थे।
सिब्बल ने कहा कि नीलामी से प्राप्त 9,407.64 करोड़ रुपए के अलावा सरकार को मौजूदा दूरसंचार कंपनियों को मान्य सीमा से अधिक स्पेक्ट्रम रखने पर लगाए जाने वाले एक-मुश्त शुल्क के तौर पर 7,936 करोड़ रुपए भी मिलेंगे। सिब्बल ने कहा कि कुल मिलाकर काफी राशि प्राप्त होगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि हमारे पास साढ़े चार महीने का अच्छा खासा वक्त है और इसलिए अभी यह कहना बहुत जल्दी होगा कि हम इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। मेरी मंशा इस लक्ष्य को प्राप्त करने की है कि मुझे नहीं लगता कि हमें निराशावाद फैलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विनिवेश प्रक्रिया जल्दी ही शुरू होगी और स्पेक्ट्रम नीलामी जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि लंबित मामलों पर फैसला लेने के लिए अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की बैठक जल्द होगी। 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी को मिली ठंडी प्रतिक्रिया के मद्देनजर सरकार की राजकोषीय घाटे को कम करने के संशोधित लक्ष्य को प्राप्त करने की क्षमता पर चिंता जाहिर की जा रही है। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले समाप्त नीलामी में सिर्फ 9,400 करोड़ रुपये हासिल हुए जबकि लक्ष्य 40,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य का है।
जहां तक विनिवेश का सवाल है हालांकि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए इसके जरिए 30,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी लेकिन अब तक कोई भी सरकारी कंपनी बाजार में प्रवेश नहीं कर पाई है। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 16, 2012, 14:41