Last Updated: Wednesday, April 10, 2013, 18:21

नई दिल्ली : जगदीश टाइटलर को झटका देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने उनके खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले को फिर से खोलने का आदेश दिया । अदालत ने यह मामला बंद करने के लिये केन्द्रीय जांच ब्यूरो की रिपोर्ट खारिज कर दी। इसमें कांग्रेस नेता को क्लीनचिट दी गई थी ।
सीबीआई को निर्देश दिया गया है कि गवाहों और दंगे के बारे में सूचना रखने का दावा करने वाले लोगों से पूछताछ की जाए । अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने मजिस्ट्रेट की अदालत के उस फैसले को दरकिनार कर दिया जिसमें मामला बंद करने के लिये सीबीआई की रिपोर्ट स्वीकार कर ली गयी थी।
न्यायाधीश ने निर्देश दिए कि क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करने वाली निचली अदालत के फैसले को दरकिनार किया जाता है। सीबीआई को निर्देश दिया जाता है कि वह जांच करे और मामले में दावा करने वालों तथा चश्मदीद गवाहों से पूछताछ की जाए । अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश का यह आदेश दंगा पीड़ितों की याचिका पर आया है । दंगा पीड़ितों ने टाइटलर को क्लीनचिट देने और मामला बंद करने की रिपोर्ट के खिलाफ याचिका दायर की थी ।
याचिका के समर्थन में पिछले कुछ महीने से चल रही लंबी बहस के दौरान याचिकाकर्ता लखविंदर कौर का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एच. एस. फुल्का ने कहा कि एजेंसी ने कुछ सामग्रियों की अनदेखी की और टाइटलर के खिलाफ निचली अदालत में भी साक्ष्य थे ।
बहरहाल सीबीआई ने पीड़ित की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये कहा था कि जांच से स्पष्ट है कि उत्तर दिल्ली के गुरुद्वारा पुलबंगश में एक नवम्बर 1984 को टाइटलर मौजूद नहीं थे जहां दंगे के दौरान तीन लोग मारे गए थे । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 10, 2013, 16:37