Last Updated: Tuesday, August 27, 2013, 10:38

नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण शौरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को नरेंद्र मोदी का ‘मुख्य चुनावी एजेंट’ करार दिया है क्योंकि यूपीए सरकार के ठीक से काम नहीं करने का फायदा गुजरात के मुख्यमंत्री को मिल रहा है ।
एक न्यूज चैनल पर ‘डेविल्स एडवोकेट’ कार्यक्रम में जानेमाने पत्रकार करन थापर से बातचीत में शौरी ने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराने का कदम देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा क्योंकि इसके गंभीर परिणाम होंगे ।
अरुण शौरी ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव कायम है और इस समय सवाल यह है कि देश विभाजक नहीं बल्कि निर्णायक नेतृत्व चाहता है और उन्होंने ऐसा कर दिखाया है ।
यह सवाल किए जाने पर कि क्या मोदी अपने पीछे भाजपा को एकजुट करेंगे या सुषमा स्वराज तथा लाल कृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं को अलग-थलग कर देंगे, इस पर शौरी ने कहा कि वह दिल्ली में ‘राज्य विहीन’ (स्टेटलेस) नेताओं के बारे में नहीं बोलेंगे क्योंकि यहां राज्य के नेता हैं ।
यह पूछे जाने पर कि वह दिल्ली में राज्यविहीन नेता किसे कह रहे हैं, इस पर शौरी ने कहा कि यह ज्ञानी जी की व्याख्या थी और उन्होंने कहा था कि भारत में दो तरह के नेता हैं - एक तरफ के. कामराज, एस के पाटिल, एनटीआर और दूसरी तरफ वी पी सिंह जैसे राज्यविहीन नेता । यह सवाल किए जाने पर कि क्या वह स्वराज और आडवाणी की तुलना वी पी सिंह से कर रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा कि वह उनकी तुलना दिल्ली में किसी से भी नहीं कर रहे ।
शौरी ने कहा, ‘मैं कह रहा हूं कि जहां तक मैं देख पा रहा हूं मोदी ने जमीनी स्तर पर पार्टी को एकजुट किया है । मैं पार्टी के संपर्क में नहीं हूं पर यदि पार्टी के कार्यकर्ता और स्वयंसेवक उनके साथ हैं, तो मुझे यकीन है कि दिल्ली में भी लोग अब उन्हें लेकर एकजुट हैं ।’
भाजपा नेता ने कहा कि यूपीए सरकार अपनी उपयोगिता खो चुकी है क्योंकि वह नरेगा, खाद्य सुरक्षा विधेयक जैसी ‘प्रतिकूल’ चीजों को छोड़कर कुछ नहीं कर रही । शौरी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक का देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 27, 2013, 09:01