CBI की स्वायत्तता के लिए कानून बनाए संसद: SC

CBI की स्वायत्तता के लिए कानून बनाए संसद: SC

CBI की स्वायत्तता के लिए कानून बनाए संसद: SCजी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता कहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज (बुधवार) को कहा कि सीबीआई की स्वायत्तता और राजनैतिक दखलनदाजी के लिए कानून में संशोधन की जरूरत है और संसद को इन सुझावों पर अमल करने दिया जाए, क्योंकि अंततः संसद को ही कानून बनाना है।

सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा दायर उस हलफनामे पर सुनवाई की गई, जिसमें सीबीआई की स्वायत्तता के लिए सरकार को कदम उठाने के लिए कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की इस मांग पर सवाल उठाया है कि उसे कोयला आवंटन के मामले में सरकार से अपनी जांच के ब्योरे साझा करने दिया जाए। कोर्ट ने 44 पन्नों के हलफनामे पर सुनवाई करते हुए सवाल किया सीबीआई को अपने मुकदमों के लिए वकील चुनने की इजाजत क्यों नहीं दी गई है। कोर्ट ने कहा कि आज के इस केस में भी एक सरकारी अधिकारी सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सीबीआई की निगरानी का काम केंद्रीय सतर्कता आयोग का है, इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है। सीबीआई को बाहरी प्रभावों से मुक्त करने के उपाय बताते हुए केंद्र ने तीन जुलाई को कहा था कि सीबीआई निदेशक की नियुक्ति पीएम की अध्यक्षता वाला तीन सदस्यीय एक पैनल करेगा। लोकसभा में विपक्ष के नेता और मुख्य न्यायाधीश या एक नामित जज इस पैनल के सदस्य होंगे। यह नियुक्ति दो वर्ष के कार्यकाल के लिए होगी।

कोर्ट ने यह भी कहा कि कोयला घोटाले से जुड़े तमाम अहम दस्तावेज अभी तक सीबीआई को नहीं सौंपे गए हैं। सरकार पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि आखिर ऐसा क्यों है कि कोयला आवंटन से जुड़ी समिति की बैठकों से जुड़े दस्तावेज अभी तक सीबीआई को सौंपे नहीं गए हैं।

गौरतलब है कि इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने एक टिप्पणी में कहा था कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोते की तरह है जो अपने मालिक के अनुसार बोलता है। उस समय कोर्ट इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई थी कि सीबीआई ने कोयला घोटाले की जांच संबंधी रिपोर्ट सरकार से साझा की थी। कोयला घोटाले की जांच की निगरानी स्वयं सुप्रीम कोर्ट कर रही है।

First Published: Wednesday, July 10, 2013, 18:55

comments powered by Disqus