Last Updated: Saturday, July 13, 2013, 00:04
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : ज़ी मीडिया ने शुक्रवार को अपने एक खास कार्यक्रम में रेल घूसकांड में पद के बदले नोट मामले के उन ब्योरों का खुलासा किया जिसके चलते पवन कुमार बंसल को अपने रेल मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य होना पड़ा। 10 करोड़ रुपए के इस कथित घूसकांड में बंसल का भांजा विजय सिंगला और रेलवे बोर्ड के सदस्य महेश कुमार संलिप्त हैं। मामला उजागर होने के बाद राजनीतिक गलियारे में सनसनी फैल गई।
ज़ी मीडिया को रेल घूसकांड के प्रमुख खिलाड़ियों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत की लिखित प्रतिलिपि (ट्रांस्क्रिप्ट) प्राप्त हुई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की 1500 पन्ने से अधिक की चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है कि रेलवे में ऊंचे पद एवं प्रोन्नत किस तरीके से बेचे जाते हैं।
17 अप्रैल 2013 को कथित बिचौलिए संदीप गोयल ने रेलवे बोर्ड के सदस्य (स्टाफ) महेश कुमार को फोन किया। संदीप ने महेश को एक फोन नंबर पर ‘विजय’ से बातचीत करने के लिए कहा। यह नंबर पवन कुमार बंसल के सरकारी आवास का मालूम चला। ज़ी मीडिया ने इस फोन नंबर को लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट से मिलान किया और पाया कि यह फोन नंबर बंसल के सरकारी आवास का है।
संदीप गोयल एवं नारायण राव मंजूनाथ के बीच 18 अप्रैल 2013 को हुई बातचीत से खुलासा हुआ कि रेलवे में तकनीकी पद ‘मेम्बर इलेक्ट्रिकल’ के लिए दोनों के बीच 10 करोड़ रुपए की डील तय हुई। चार्जशीट इस बात का भी खुलासा करती है कि दलाल पदों के लिए किस तरह से मंत्रियों के साथ लेन-देन कराने का दावा करते हैं।
18 अप्रैल 2013 की शाम मंजूनाथ ने कथित रूप से किसी ‘दादा’ से बात की थी, जिसमें उसने दावा किया कि उसने दिल्ली में मंत्री और महेश कुमार के बीच मुलाकात के लिए अच्छी व्यवस्था की है। ट्रांस्क्रिप्ट के मुताबिक अगले दिन 19 अप्रैल 2013 को मंजूनाथ ने महेश कुमार को बताया कि प्रोन्नत के लिए उनकी डील 10 करोड़ रुपए में तय हो गई है जिसका भुगतान वह दो बार में कर सकते हैं। मंजूनाथ ने महेश से कहा, ‘पांच करोड़ रुपए पहले और शेष पांच करोड़ देने में आप पांच से छह महीने का समय ले सकते हैं।’
बिचौलिए संदीप गोयल ने 20 अप्रैल 2013 को दावा किया कि अमृतसर में एक कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान उसकी ‘मंत्री’ से बातचीत हुई। गोयल ने आगे महेश कुमार से कहा कि मंत्री ने उससे बताया है कि महेश की फाइल फंस गई है। गौर करने वाली बात है कि पवन कुमार बंसल 19 अप्रैल 2013 को लुधियाना-चंडीगढ़ ब्रॉड गेज की रेल लाइन का उद्घाटन करने चंडीगढ़ गए थे।
वहीं, 30 अप्रैल 2013 को संदीप गोयल एवं मंजूनाथ के बीच हुई बातचीत में विजय एवं उनके ‘मामा’ पवन कुमार बंसल का नाम आया। संदीप ने मंजूनाथ से कहा, ‘मेरी इस शाम को विजय के साथ लंबी बातचीत हुई। बातचीत में उसने मुझे बताया कि मामा पवन कुमार बंसल (रेल मंत्री के पद पर) छह महीने, एक साल या 15 महीने रह सकते हैं।’
First Published: Friday, July 12, 2013, 23:23