FDI पर सिब्बल का वक्तव्य वास्तविकता से परे: कैट

FDI पर सिब्बल का वक्तव्य वास्तविकता से परे: कैट

मुंबई : व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन ‘कैट’ ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल के वक्तव्य को तथ्यों से परे बताते हुये उसपर पर कड़ी आपत्ति जताई है। संगठन ने कहा कि सिब्बल को इस संबंध में जारी अधिसूचना पर फिर से नजर डालनी चाहिये।

कन्फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने सिब्बल की बातों को अधिसूचना से परे बताया है। खंडेलवाल के अनुसार ‘‘दस लाख से अधिक आबादी वाले 53 शहरों के अलावा अधिसूचना में वैश्विक खुदरा कंपनियों को स्पष्ट तौर पर छूट दी गई है कि जिन राज्यों में दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर नहीं होंगे वहां वह अपनी पसंद के शहर में स्टोर खोलने के लिये आजाद होंगे। इससे साफ है कि वैश्विक खुदरा कंपनियां देश के किसी भी हिस्से में स्टोर खोलने के लिये स्वतंत्र हैं।’’ खंडेलवाल ने आगे कहा कि सरकार ने लघु इकाईयों से 30 प्रतिशत खरीद के प्रावधान को भी अधिसूचना में तोड़मरोड़कर रखा है। ‘‘अधिसूचना में कहा गया है कि लघु इकाईयों से 30 प्रतिशत सामान की खरीद की गणना बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा पहले पांच साल में की गई कुल खरीद के आधार पर की जायेगी। इसका अर्थ यह हुआ कि कम से कम पहले चार साल विदेशी कंपनियां पूरी दुनिया में कहीं से भी 100 प्रतिशत माल ले सकती है उन्हें पांचवे साल में ही इसका औसत 30 प्रतिशत करना है।’’

देश में खाद्यान्न एवं फल सब्जियों के 40 प्रतिशत नुकसान के बारे में भी सिब्बल के बयान को वास्तविकता से परे बताया। खंडेलवाल ने कहा कि खाद्यान्नों का 40 प्रतिशत नुकसान पूरी तरह गलत है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के मुताबिक फसल बाद देश में खाद्य वस्तुओं का नुकसान 0.8 से लेकर 12 प्रतिशत तक है। सरकार को यह रिपोर्ट 3 सितंबर 2010 को सौंपी गई थी। ‘‘इसलिये सरकार को बताना चाहिये कि वह खाद्य पदाथोर्ं के 40 प्रतिशत नुकसान के गलत आंकड़े क्यों पेश करती रही है। खंडेलवाल ने यह भी कहा है कि सिब्बल कोल्ड स्टोरेज और आधुनिक परिवहन प्रणाली की बात कर रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि अधिसूचना में उपज केन्द्रों से लेकर विपणन केन्द्रों तक जो भी ढांचागत सुविधायें खड़ी की जानी है उसमें ‘‘कोल्ड स्टोरेज और आधुनिक परिवहन प्रणाली’’ जैसे शब्दों का उल्लेख ही नहीं है।

लोकसभा में एफडीआई पर चर्चा के दौरान सिब्बल ने कहा ‘‘देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले 53 शहरों में ही खुदरा में एफडीआई की अनुमति दिये जाने की बात कही है। विदेशी कंपनियों को 30 प्रतिशत माल छोटे और कुटीर उद्योगों से लेना होगा तथा देश में कोल्डस्टोर और रेफ्रीजिरेटिज परिवहन सुविधा की बात की है ताकि कृषि उपज का नुकसान कम किया जा सके।’’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 4, 2012, 23:22

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