Last Updated: Thursday, November 29, 2012, 13:59
नई दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66 (ए) के तहत की गई गिरफ्तारियों पर हंगामे के बाद सरकार ने गुरुवार को दिशानिर्देश जारी किए कि इस विवादास्पद धारा के तहत शिकायत दर्ज करने से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस उपायुक्त और मेट्रो क्षेत्र में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी से मंजूरी लेन आवश्यक होगा।
बाल ठाकरे के निधन के बाद मुंबई में बंद जैसी स्थिति की फेसबुक पर आलोचना करने के लिए गत सप्ताह दो लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि एक अन्य किशोर को कल मनसे प्रमुख राज ठाकरे और मराठियों के खिलाफ सोशल नेटवर्किंग साइट पर ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी पोस्ट करने के लिए पकड़ लिया गया था।
सूत्रों ने कहा कि संबंधित पुलिस अधिकारी या पुलिस थाना तब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कर सकते जब तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के मामले में पुलिस उपायुक्त स्तर के अधिकारी तथा मेट्रो क्षेत्रों में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त नहीं कर लेता। सूत्रों ने कहा कि सरकार को इस बात का भरोसा है कि एक बार ये नियमन लागू होने के बाद ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होंगी।
सूत्रों ने कहा कि प्रक्रियात्मक मुश्किलें थीं.धारा 66 (ए) के तहत शिकायतें दर्ज करने के संबंध में हम सभी राज्य सरकारों को इसे दिशानिर्देश के रूप में जारी करेंगे। धारा 66 (ए) जमानती अपराध है और इसके तहत तीन वर्ष तक की सजा हो सकती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 29, 2012, 13:59