Last Updated: Saturday, February 18, 2012, 17:55
नई दिल्ली/कोलकाता : राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केंद्र (एनसीटीसी) के गठन की योजना पर राज्यों के बढ़ते विरोध के बीच सरकार ने शनिवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसकी मंशा राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण करने की नहीं है। सरकार की एनसीटीसी योजना का ताजा विरोध त्रिपुरा और मध्य प्रदेश ने किया है। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम की इस महात्वाकांक्षी योजना का कड़ा विरोध संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (संप्रग) की प्रमुख सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने किया है।
पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के केंद्र के उद्घाटन मौके पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का न पहुंचना एनसीटीसी के गठन पर तृणमूल के विरोध के रूप में देखा जा रहा है। एनसीटीसी पर सरकार के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने पत्रकारों से कहा, 'राज्यों से बिना उनकी राय लिए और उनसे बिना बातचीत के इस तरह का आतंकवाद निरोधी केंद्र भारतीय संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ है।' उधर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य सरकारों के साथ परामर्श के बिना ऐसे केंद्र की स्थापना संघीय ढांचे पर प्रहार होगा। उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था राज्य के विषय हैं।
एनसीटीसी पर राज्यों के बढ़ते विरोध को देखते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए क्योंकि यह एजेंसी भारत में होने वाले आतंकवादी हमलों से निपटने में काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने उत्तरी 24 परगना जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) केंद्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा, केंद्र और राज्य की साझा जिम्मेदारी होती है और केंद्र सरकार दूसरे दलों की राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं बरतती। समारोह के लिए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आमंत्रित किया गया था लेकिन वह इसमें शरीक नहीं हुईं।
चिदम्बरम की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब एक दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बनर्जी ने प्रस्तावित एनसीटीसी के विरोध में तमिलनाडु, ओडिशा और बिहार के मुख्यमंत्रियों के साथ हाथ मिला लिया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक एनसीटीसी का मुखर विरोध कर रहे हैं। बनर्जी, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक स्वर से चिंता जाहिर की है कि एनसीटीसी को दिए गए अधिकार संघीय ढांचे और राज्य सरकारों के अधिकारों का अतिक्रमण करेंगे।
यह एजेंसी देश में आतंकवादी खतरों के सम्बंध में प्राप्त होने वाली जानकारियों को जोड़ेगी और उनका विश्लेषण करेगी। यह एजेंसी अनधिकृत गतिविधि निवारक अधिनियम (यूएपीए) से शक्तियां प्राप्त करेगी, जो केंद्र सरकार की एजेंसियों को आतंकवाद सम्बंधी मामलों में तलाशी या गिरफ्तारी करने की छूट देती है।
इस बीच, केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह ने कहा कि यदि राज्यों के सहयोग के बिना आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई नहीं जीती जा सकती। सिंह ने हरियाणा के एक समारोह में कहा, 'आतंकवाद से निपटना और इस सम्बंध में राज्यों के साथ समन्वय करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है। यदि राज्य अपने तरीके से काम करेंगे और समन्वय का अभाव होगा तो क्या हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीत सकते हैं। हम इस तरह से आतंकवाद से नहीं लड़ सकते।'
(एजेंसी)
First Published: Saturday, February 18, 2012, 23:33