Last Updated: Friday, May 11, 2012, 16:42
नई दिल्ली : राज्यों के साथ बैठक में राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र (एनसीटीसी) पर आम सहमति नहीं बनने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि देश में आतंकवाद का खतरा अभी काफी ज्यादा है और हमें इससे निपटने के लिए संस्थागत तंत्र की जरूरत है।
चिदंबरम ने कहा, ‘हालात इतने गंभीर हैं कि एनसीटीसी पर हम जितना विलंब करेंगे, जोखिम उतना ही बढ़ेगा।’ मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्यों से बातचीत के दौरान चिदंबरम ने कहा कि नक्सलवाद और पूर्वोत्तर का उग्रवाद अब प्रकृति से आतंकवाद बनता जा रहा है और इससे निपटने के लिए संस्थागत तंत्र जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद से केवल पुलिस कार्रवाई के रूप में नहीं निपटना है बल्कि हमें ऐसे आतंकवाद रोधी संगठन की जरूरत है जो राजनयिक, वित्तीय, खुफिया जांच और पुलिस सहित राष्ट्रीय स्तर की शक्तियों के सभी तत्वों को इकट्ठा कर सके। इसीलिए हमें एनसीटीसी जैसी आतंकवाद रोधी इकाई या इसी तरह का कोई संगठन चाहिए।’
गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों की गतिविधियों और वामपंथी उग्रवादियों की हिंसा के अलावा सीमा पारीय आतंकवाद से निपटना अभी भी हमारे लिए चिन्ता का बड़ा विषय है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने वालों और उनके मास्टरमाइंड के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो और उन्हें कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा मिले।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 11, 2012, 22:12