Last Updated: Tuesday, September 24, 2013, 18:31

नई दिल्ली : भाकपा के वरिष्ठ नेता गुरुदास दासगुप्ता ने सरकार से मंगलवार को पूछा कि इन खबरों में कितनी सच्चाई है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) जानकारी जुटाने के लिए इंटरनेट सर्वरों की सीधी टैपिंग कर भारत की जासूसी करता रहा है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजे एक पत्र में भाकपा नेता ने उनसे अनुरोध किया कि अगर ऐसी खबरें सही हैं तो वह यह मुद्दा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समक्ष उठाएं कि ऐसी गतिविधियां क्यों चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि संसद के पिछले सत्र में भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया। दासगुप्ता ने कहा कि ताजा खबरें ज्यादा परेशान करने वाली हैं।
उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार ही स्थिति स्पष्ट कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर रिपोर्ट सही हैं तो भारतीय संप्रभुता पर शर्मनाक तरीके से चोट की गई है और भारतीय सुरक्षा को खतरे में डाला गया है और नागरिकों की निजता का उल्लंघन हुआ है।
दासगुप्ता ने कहा, ‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप अमेरिका सरकार और खास तौर से राष्ट्रपति ओबामा से यह पता लगाएं कि ऐसा क्यों हुआ। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार इस बारे में इतनी जानकारी तो हासिल कर ही सकेगी कि वह देश को इस बारे में जानकारी दे सके कि जैसी खबरें आ रही हैं वह सही हैं अथवा गलत।’
दासगुप्ता ने कहा कि गूगल, माइक्रोसाफ्ट और अन्य सर्वरों के जरिए पहुंच कायम की गयी है। रिपोर्ट में एडवर्ड स्नोडेन द्वारा खुलासा किए गए एक गोपनीय दस्तावेज का हवाला दिया गया है कि एनएसए का प्रिज्म कार्यक्रम भारत से महत्वपूर्ण सूचना जुटाने के लिए शुरू किया गया था और इसके लिए बड़ी कंपनियों के सर्वरों को सीधे टैप किया गया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 24, 2013, 18:31