Last Updated: Monday, August 19, 2013, 21:46

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केन्द्र और राज्य सरकारों से कहा कि सभी वीआईपी गाडियों से साइरन हटाये जाएं क्योंकि यह नियमों के खिलाफ है। न्यायालय ने संकेत दिया कि गाड़ियों पर लाल बत्तियों का दुरुपयोग रोकने के लिये शीघ्र ही आदेश पारित किया जायेगा।
न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौडा की खंडपीठ ने कहा कि वीआईपी गाड़ियों में लाल बत्ती और साइरन के इस्तेमाल से ‘ब्रिटिश राज की झलक’ मिलती है। न्यायाधीशों ने सवाल किया कि जब गृह मंत्री के रूप में पी. चिदंबरम ने इस सुविधा से इंकार कर दिया था तो फिर मंत्रियों, नौकरशाहों और नेताओं को ये सुविधायें क्यों दी जा रही हैं।
न्यायाधीशों ने कहा, ‘इसमें इतना विरोधाभास है। गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम ने कहा था कि उन्हें अपने वाहन के लिये एस्कार्ट और साइरन की जरूरत नहीं है। गृह मंत्री के कामकाज के लिये यह जरूरी था लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है।’
न्यायालय ने सरकारों को इन सुविधाओं का दुरूपयोग रोकने हेतु नियम बनाने के लिये चार सप्ताह का और समय देने से इंकार करते हुये कहा कि अब वह आवश्यक निर्देश देगा।
न्यायाधीशों ने कहा, ‘आपने न्यायालय की कार्यवाही को तमाशा बना दिया है। हमने आपको पर्याप्त समय दिया। आपने केन्द्रीय मोटर वाहन कानून के नियम 108 का उल्लंघन करने वाली अधिसूचना निरस्त क्यों नहीं की। हम यह अधिसूचना निरस्त करने जा रहे हैं। आपको सुनिश्चित करना होगा कि सारे साइरन हटाए जाएं।’
राज्यों में सभी मंत्रियों, विधायकों और नौकरशाहों को उच्च पदाधिकारियों की श्रेणी में रखे जाने का जिक्र करते हुये न्यायाधीशों ने कहा, ‘उच्च पदाधिकारियों को लेकर चलने वाले वाहनों में लाल बत्ती लगाने की अनुमति देने की राज्य सरकारों की अधिसूचना क्यों नहीं निरस्त कर दी जाए।’ (एजेंसी)
First Published: Monday, August 19, 2013, 21:46