Last Updated: Monday, March 11, 2013, 22:28

नई दिल्ली : वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में कथित घोटाले के सिलसिले में सरकार को इटली से आधिकारिक दस्तावेजों का पहला सेट मिल गया है जिसमें फिनमेकानिका कंपनी के पूर्व सीईओ ग्यूसेप ओर्सी के खिलाफ वहां के अधिकारियों द्वारा जारी वारंट शामिल हैं।
यहां उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों ने बताया कि इन दस्तावेजों से 12 एडब्ल्यू.101 हेलीकॉप्टरों के लिए 3,600 करोड़ रुपये के सौदे में रिश्वतखोरी के आरोपों के मामले में भारत की जांच तेज हो सकती है।
इन दस्तावेजों के मिलने से कथित घोटाले की जड़ में पहुंचने के प्रयासों को मजबूती मिल सकती है। रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने भी सचाई जल्दी से जल्दी सामने आने की आकांक्षा जताई है।
अभी तक आधिकारिक दस्तावेजों के नहीं होने के कारण भारत की जांच अटकी हुई थी क्योंकि इतालवी अदालत ने वहां के कानूनों का हवाला देते हुए इन्हें भारत के साथ साझा करने से इनकार कर दिया था।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि सरकार को अभी बूस्टो आर्सीजियो की अदालत में इतालवी अभियोजकों द्वारा दाखिल प्राथमिक जांच रिपोर्ट आधिकारिक रूप से प्राप्त नहीं हुई है।
समझा जाता है कि ओर्सी के खिलाफ तलाशी वारंट में उसके द्वारा सौदे के लिए दलालों को कथित रिश्वत दिये जाने का ब्योरा होगा।
ओर्सी ने कथित रूप से सौदे को अंजाम देने के लिए गुइदो हेचके और क्रिस्चियन मिशेल को शामिल किया था। ये दोनों पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी के तीन रिश्तेदारों के साथ कथित रूप से संपर्क में थे और सीबीआई इन सभी से पहले ही पूछताछ कर चुकी है।
एंटनी ने राज्यसभा में कहा था कि इटली और भारत में एक साथ चल रही जांच पड़ताल से मामले में सच जल्दी सामने आएगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 11, 2013, 22:28