Last Updated: Monday, November 21, 2011, 15:12
पटना : नीतीश सरकार को राहत देते हुए पटना उच्च न्यायालय ने विभिन्न विकास योजनाओं के तहत निकाले गए 11,854 करोड़ रुपये की राशि के कथित हेरफेर मामले में सीबीआइ जांच की मांग की एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति पीसी वर्मा और न्यायमूर्ति ए के त्रिवेदी की खंडपीठ ने अरविंद कुमार शर्मा और अन्य लोगों द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए 11,854 करोड़ रुपये की राशि के कथित हेरफेर मामले में सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया। अदालत ने बीते 11 जुलाई को इस संबंध में अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
खंडपीठ ने कहा, ‘संबंधित नियमों और कानून के अवलोकन से स्पष्ट है कि इस संबंध में लोक लेखा समिति को सही निर्णय लेने और अपनी रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने का अधिकार है।’ बिहार सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि राशि की कोई हेरफेर नहीं हुई है और विकास कार्य के खर्च के लिए एसी बिल पर निकाली गई राशि का डीसी बिल के माध्यम से समायोजन और उसका उपयुक्त जगह खर्च बताना एक सतत् प्रक्रिया है। देश के अन्य राज्यों में भी यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।
राज्य सरकार ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि एसी-डीसी बिल और कथित हेरफेर पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट बिहार विधानमंडल की लोकलेखा समितिके समक्ष विचाराधीन है और उच्च न्यायालय को ऐसे मामले में दखल देने का अधिकार नहीं है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 21, 2011, 20:44