Last Updated: Saturday, August 3, 2013, 15:00

दार्जिलिंग : तेलंगाना की तर्ज पर अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा आहूत अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण दार्जिलिंग पहाड़ियों में आज सामान्य जन जीवन प्रभावित हुआ। हड़ताल के कारण दार्जिलिंग पहाड़ियों में सभी दुकानें, बाजार, कॉलेज, सरकारी और निजी कार्यालय, बैंक और पोस्ट ऑफिस बंद रहे और वाहन सड़कों पर नजर नहीं आए।
सुबह छह बजे से शुरू हड़ताल के बाद से किसी ताजा हिंसा की खबर नहीं है। शहर के विभिन्न हिस्सों में सीआरपीएफ की एक बटालियन को तैनात किया गया है। महिला सीआरपीएफ जवानों को भी तैनात किया गया है। जीजेएम के कार्यकर्ता आपात स्टिकर लगे हुए सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं।
इस बीच, जीजेएम के दिल्ली गये छह सदस्यीय दल ने कई सांसदों से मुलाकात की और गोरखालैंड राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग की उन्हें जानकारी दी। अलग तेलंगाना के निर्माण के लिए सप्रंग सरकार द्वारा मंजूरी दिये जाने के बाद गोरखालैंड बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव अंबिका सोनी से भी मिलने का प्रयास किया।
इस बीच, जीजेएम के सहायक महासचिव बिनय तमांग ने पार्टी के मजदूर संघ के नेता सरोज तमांग की कल हुयी मौत के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया । उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग पहाड़ियों में जीजेएम की छवि को पार्टी खराब करना चाहती है। तमांग का शव कल दार्जिलिंग शहर से आठ किलोमीटर की दूरी पर सड़क पर पड़ा मिला था। दार्जिलिंग में तृणूल कांग्रेस के नेता राजेश मुखिया ने कहा कि पार्टी कभी भी पहाड़ियों पर हिंसा नहीं चाहती। ‘‘हम लोग शांतिप्रिय हैं’’, और हमने शांति कायम रखी है।
दार्जिलिंग पुलिस अधीक्षक कुणाल अग्रवाल ने बताया कि पोखरियाबोंग की एक पुलिस चौकी में कथित तौर पर आग लगाने और एक होमगार्ड के घायल होने की एक घटना में शामिल पाये जाने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। इस तरह अभी तक कुल छह लोगों की गिरफ्तारी हुयी है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 3, 2013, 15:00