Last Updated: Thursday, May 10, 2012, 18:37
नई दिल्ली : अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने गुरुवार को एक हजार से अधिक अवैध कालोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया तेज करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले किये। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में कैबिनेट बैठक में जीओएम की कई सिफारिशों को स्वीकार किया गया।
पिछले साल इस जीओएम का गठन उन अवैध कालोनियों का नियमन तेजी से करने पर विचार विमर्श करने के लिए हुआ था जिन्हें पिछले विधानसभा चुनाव से पहले 2008 में अस्थायी नियमन प्रमाण पत्र दिये गये थे। एक और बड़े फैसले में कैबिनेट ने 2002 के बजाय 2007 के हवाई मानचित्र के आधार पर अवैध कालोनियों की सीमाओं को अंतिम रूप देने का फैसला किया।
अवैध कालोनियों के नियमित करने से इनमें रहने वाले करीब 40 लाख लोगों को राहत मिलेगी। कैबिनेट में सरकारी जमीन पर आने वाली कालोनियों में विकास कार्य की अनुमति देने का भी फैसला किया गया। कांग्रेस की पारंपरिक वोट बैंक माने जाने वाली अवैध कालोनियों में विकास कार्यों की कमी को कांग्रेस की हालिया नगर निगम चुनावों में हार की वजह माना जा रहा है।
शहरी विकास मंत्री एके वालिया ने कहा कि 2007 के हवाई मानचित्र को स्वीकार करने के फैसले का उद्देश्य उन क्षेत्रों को शामिल करना है जिनका निर्माण 2002 से 2007 के बीच हुआ। अधिकारियों ने कहा कि कैबिनेट ने शहरी विकास विभाग को दो महीने के अंदर अवैध कालोनियों के मानचित्र तैयार करने का निर्देश दिया।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 11, 2012, 00:09