Last Updated: Friday, November 16, 2012, 21:39

नई दिल्ली : असम में हुई ताजा हिंसा के मद्देनजर केंद्र ने राज्य सरकार से कहा है कि वह बोडो और मुस्लिम आप्रवासियों के बीच होने वाली झड़पों को रोकने के लिए थलसेना की तैनाती करे और गैर-कानूनी हथियारों को जब्त करे।
केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने राज्य में ताजा हिंसा की वारदातों को पिछली हिंसा से ‘अलग घटना’ बताया। उन्होंने बताया कि दो मामलों में से एक फसल की कटाई से संबंधित है और दूसरा उगाही से। सिंह ने संवाददाताओं को बताया, ‘हम बहुत सावधान हैं। पुलिस महानिदेशक ने केंद्र को आश्वस्त किया है कि वह इन घटनाओं पर ठोस कदम उठाएंगे। इन घटनाओं में शामिल लोगों को हम दबोच लेंगे।’
उन्होंने बताया कि असम के पुलिस महानिदेशक जयंत नारायण चौधरी ने आज हिंसाग्रस्त कोकराझार इलाके को दौरा किया और उन्हें वहां के हालात से अवगत कराया गया। नालबाड़ी जिले में मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने संवाददाताओं को बताया, ‘हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस और सेना काम कर रहे हैं और पिछले 24 घंटों में कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आयी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय से भी कहा है कि सामान्य स्थिति बहाल करने में जब कभी जरूरत हो तो वह नागरिक प्रशासन की मदद के लिए थलसेना के जवान मुहैया कराए।
अपनी सलाह में केंद्र सरकार ने असम सरकार से कहा है कि पुलिस, अर्धसैनिक बल और थलसेना के जवानों को निश्चित तौर पर सतर्क रहना चाहिए और शांति कायम करने के लिए हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनात किया जाना चाहिए। केंद्रीय और राज्य की खुफिया एजेंसियों से कहा गया है कि वे और ज्यादा सतर्कता बरतें ताकि संभावित समस्या के बारे में उन्हें सूचनाएं मुहैया कराई जा सके और समय रहते कानून का पालन कराने वाली एजेंसियां सतर्क हो जाएं।
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह उन गैर-कानूनी हथियारों की जब्ती के लिए मुहिम चलाए जो हिंसक गतिविधियों में शामिल समूहों के पास हैं। कोकराझार शहर में कल एक शख्स की गोली मार कर हत्या कर दिए जाने और सशस्त्र हमलावरों के हमले में एक कारोबारी के जख्मी हो जाने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया। 10 नवंबर के बाद से जिले में हुई हिंसा में अब तक छह लोग मारे जा चुके हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 16, 2012, 21:39