Last Updated: Monday, August 27, 2012, 00:02
धुबरी : उत्तरी असम के कुछ जिलों में हुई हिंसा की ताजा घटनाओं में धुबरी में एक व्यक्ति मारा गया तथा कोकराझार में दो अन्य घायल हो गए। राज्य में प्रदर्शनकारियों ने एक राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि रविवार सुबह धुबरी जिले के बोगरीबारी पुलिस थाने के तहत सुखनजोरा गांव में एक शव पाया गया जिस पर चोट के निशान थे। इसके कारण 19 जुलाई के बाद से मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 87 हो गई।
मारा गया व्यक्ति शनिवार से लापता था।
जैसे ही शव मिलने की बात फैली क्रुद्ध प्रदर्शनकारियों ने मातृझोरा में राष्ट्रीय राजमार्ग-31 को बाधित कर दिया। पुलिस बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई और राजमार्ग से प्रदर्शनकारियों को हटाया गया।
पुलिस ने बताया कि एक महिला सहित दो लोगों पर कोकराझार के सालकाती रेलवे स्टेशन के पास अज्ञात उपद्रवियों ने हमला किया। घायलों को बोंगाइगांव सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कुछ दिन शांति रहने के बाद शनिवार शाम चिरांग जिले में उस समय हिंसा शुरू हो गई जब छह लोगों के शव मिले। मारे गए सभी लोग राजपारा राहत शिविर में रह रहे थे। उनके शव अमगूरी बाजार में मिले।
इस बीच आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईडीयूएफ) ने कहा कि बार -बार के आश्वासनों के बावजूद असम सरकार राज्य के निचले हिस्सों में हत्याएं रोकने में असफल रही है। एआईडीयूएफ ने मांग की कि केंद्र हिंसा प्रभावित हिस्सों को अशांत क्षेत्र घोषित करे।
एआईयूडीएफ महासचिव आदित्य लंगतासा ने गुवाहाटी में संवाददाताओं से कहा, गत 22 अगस्त को दो मछुआरों की चापड़ और धुबरी में हत्या कर दी गई थी और उसके बाद बिजनी और चिरांग में कल छह व्यक्तियों की उस समय हत्या कर दी गई जब वे राहत शिविरों से अपने घर जा रहे थे। सुरक्षा के बड़े दावों के बावजूद राज्य सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने में असफल रही है।
उन्होंने केंद्र से मांग की कि हाल में विभिन्न राज्यों से पूर्वोत्तर के लोगों की बड़ी संख्या में पलायन की सीबीआई जांच कराई जाए। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 27, 2012, 00:02