असम में 676 अलगाववादियों का आत्मसमर्पण - Zee News हिंदी

असम में 676 अलगाववादियों का आत्मसमर्पण


गुवाहाटी : असम के 676 अलगाववादियों ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के सामने आत्मसर्पण कर मुख्य धारा में लौटने का फैसला किया। अलगाववादी नौ समूहों से संबंधित हैं। इसे पूर्वोत्तर के सबसे बड़े आत्मसर्पण समारोह में से एक माना जा रहा है। आतंकवादियों ने अपने हथियार त्यागे और बदले में गृह मंत्री से गुलाब का फूल हासिल किया।

 

चिदंबरम ने इस मौके पर अलगाववादियों से कहा कि अतीत को भूल जाइए और भविष्य को सकारात्मक नजरिए से देखिए। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आप में से हर किसी के साथ बराबरी का व्यवहार किया जाएगा और आप सम्मानपूर्ण जीवन जी सकेंगे। नौ समूह दो बड़े जातीय समूहों से संबंधित हैं। ये हैं पूर्वी असम के जनजातीय कूकी और उत्तरी और पश्चिमी असम के जनजाति। आत्मसमर्पण करने वाले प्रमुख समूहों में हैं कुकी रिवॉल्यूशनरी आर्मी, द हमार पीपुल्स कनवेंशन, द बिरसा कमांडो फोर्स और द आदिवासी कोबरा मिलिटेंट ऑफ असम। सभी नौ समूहों का सरकार के साथ युद्ध विराम चल रहा है, हालांकि शांति वार्ता शुरू होनी अभी बाकी है।

 

हथियार समर्पण करने के बाद आदीवासी कोबरा मिलिटेंट ऑफ असम के अध्यक्ष जवरेज खाका ने कहा कि हमने हथियारों के साथ लड़ाई की निर्थकता को महसूस किया और मुख्य धारा में लौटने का फैसला किया। हमें उम्मीद है कि सरकार के साथ बातचीत में हमारी शिकायतों का निपटारा किया जाएगा। आत्मसर्पण समारोह में असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, वरिष्ठ सैन्य, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह असम में शांति और उम्मीदों के नए युग की शुरुआत हो सकती है। हमें आशा है कि और भी अलगाववादी समूह हथियारों की लड़ाई की निर्थकता को समझेंगे और मुख्य धारा में शामिल हो जाएंगे। प्रतिबंधित युनाईटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के परेश बरुआ समर्थक वार्ता विरोधी खेमे को छोड़कर असम के लगभग सभी प्रमुख अलगाववादी संगठन या तो सरकार के साथ वार्ता कर रहे हैं या शांति की तरफ बढ़ रहे हैं।
योजना के मुताबिक सरकार इन अलगाववादियों को औपचारिक वार्ता के बाद समझौते पर हस्ताक्षर होने तक खास छावनियों में रखेगी।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 24, 2012, 15:27

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