आंध्र विभाजन के विरोध में सूबे में प्रदर्शन और तोड़फोड़, मंत्रियों ने अपनाए बगावती तेवर

आंध्र विभाजन के विरोध में सूबे में प्रदर्शन और तोड़फोड़, मंत्रियों ने अपनाए बगावती तेवर

आंध्र विभाजन के विरोध में सूबे में प्रदर्शन और तोड़फोड़, मंत्रियों ने अपनाए बगावती तेवरहैदराबाद : संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की समन्वय समिति द्वारा आंध्र प्रदेश का विभाजन कर पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की मांग को स्वीकार कर लेने के अगले दिन बुधवार को तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में जमकर प्रदर्शन किया गया और कांग्रेस के दफ्तरों में तोड़फोड़ की गई। गैर तेलंगाना क्षेत्र के कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी से मुलाकात की और धमकी दी कि यदि कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश से अलग एक नए राज्य के गठन का निर्णय किया तो वे हट जाएंगे।

रायलसीमा के अनंतपुर में विभाजन का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों द्वारा कांग्रेस के दफ्तर में तोड़फोड़ करने तथा इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की प्रतिमाओं को आग के हवाले कर दिए जाने के कारण क्षेत्र में तनाव फैल गया। दोनों प्रतिमाओं में से एक प्रतिमा ढहा दी गई। अर्धसैनिक बल एवं पुलिस के जवानों ने सरकारी एवं निजी संपत्ति पर हमला कर रही तथा सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करने वाली भीड़ को तितर बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।

अनंतपुर में एक व्यक्ति ने आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों ने आग पर काबू पाया और उसे अस्पताल ले गए, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। समैक्य आंध्रा (युनाइटेड आंध्रा ज्वाइंट एक्शन कमिटि) द्वारा आहूत बंद लगभग सभी कस्बों में पूरी तरह सफल रहा और प्रदर्शनों के कारण सीमांध्र के नाम से बुलाए जाने वाले दोनों क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित रहे। दोनों क्षेत्रों में दिन भर सड़क परिवहन ठप रहा, जबकि दुकानें, व्यवासायिक केंद्र और शिक्षण संस्थान बंद रहीं। राज्य के विभाजन के विरोध में छात्र और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए।

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पुतले जलाए गए। प्रदर्शनकारियों ने `जय समैक्य आंध्र` का नारा लगाया और सड़कों पर बैठ गए। उनका आरोप है कि संप्रग का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस ने राज्य के विभाजन का एकतरफा फैसला लिया है और उन्होंने सभी विधायकों व सांसदों से पार्टी पर फैसला वापस लेने का दबाव बनाने के लिए इस्तीफा दिए जाने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों के तटीय आंध्र के सभी नौ और रायलसीमा के चार जिलों में धरना दिए जाने की वजह से आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की बसें डिपो से बाहर नहीं आ सकीं। विजयानगरम जिले में कथित तौर पर एक होमगार्ड ने कीटनाशक दवा खा ली। विशाखापट्टनम के आंध्र विश्वविद्यालय में जुलूस निकालने का प्रयास कर रहे विद्यार्थियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के कारण तनाव का माहौल बना रहा। विशाखापट्टनम में वकीलों ने भी विरोध प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शनों में राजनीतिक दलों ने भी भाग लिया। गुंटूर जिले में कांग्रेस के स्थानीय विधायक ने केंद्र सरकार से पृथक तेलंगाना राज्य गठित करने के फैसले को वापस लेने की मांग के लिए निकाले गए जुलूस में हिस्सा लिया। पश्चिमी गोदावरी जिले के एलुरू कस्बे में तेलुगू देशम पार्टी के नेताओं ने सड़क मार्ग अवरुद्ध किया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री के. संबाशिवा राव के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके घर का घेराव भी किया।

इस बंद से विशाखापटनम, विजयनगरम, एलुरु, काकिनाड़ा, विजयवाड़ा, गुंटूर, नेल्लोर, ओंगोले, चित्तूर, तिरुपति, अनंतपुर, कडप्पा, कुरनूल और अन्य शहरों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गो को कुछ जगहों पर अवरुद्ध कर दिया। प्रदर्शन की वजह से जयवाड़ा-हैदराबाद और चेन्नई-भुवनेश्वर राजमार्गो पर सैंकड़ों वाहन फंसे रहे। (एजेंसी)

First Published: Thursday, August 1, 2013, 00:04

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