Last Updated: Sunday, November 25, 2012, 23:23
पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि आरक्षण का प्रावधान आज भी बेहद जरूरी और पूर्णत: संवैधानिक है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिकार मंच की ओर से आज यहां ‘आरक्षण जरूरी क्यों’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आरक्षण का प्रावधान आज भी बेहद जरूरी और पूर्णत: संवैधानिक है और इस पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता।
उन्होंने कहा कि विधायिका में सीटों का आरक्षण अगर समाप्त कर दिया जाए तो आज भी अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अति पिछडे और कमजोर वर्गो के उम्मीदवारों का चुनाव में विजयी होना बेहद कठिन होगा।
मोदी ने कहा कि समान अवसर का सिद्धांत वहां के लिए उचित है, जहां सामाजिक समानता है, लेकिन देश में लिंग एवं जाति के आधार पर समाज में घोर विषमता आज भी है। इसलिए आरक्षण का कानूनी प्रावधान बिल्कुल प्रासंगिक और सार्थक है।
उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि आरक्षण की वजह से सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है तथा विकास पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है, जिससे वे सहमत नहीं हैं।
मोदी ने कहा कि अगर ऐसा है तो देश के दक्षिणी राज्यों यथा तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, केरल, कर्नाटक आदि और पूर्वी प्रदेशों की तुलना में काफी पहले से आरक्षण की व्यवस्था लागू है। शिक्षा या विकास के अन्य प्रक्षेत्रों में हमसे आगे कैसे है।
मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने दलितों में जो महादलित हैं, पिछडों में जो अति पिछडे हैं तथा उंची जातियों में भी जो बहुत गरीब हैं उनके विकास के लिए विशेष अवसर उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्ग को एक साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है।
बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य पूर्व न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि समतामूलक समाज की स्थापना के लिए आरक्षण पूर्णत: वाजिब है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष योगेंद्र पासवान ने कहा कि न्यायपालिका एवं निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 25, 2012, 23:23