Last Updated: Thursday, March 1, 2012, 15:16
कोच्चि : दो भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में अपने दो मरीन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने के लिए इतालवी सरकार की ओर से दायर याचिका में गंभीर कमियां होने की बात करते हुए केरल उच्च न्यायालय ने आज उनसे कहा कि वह याचिका पर तभी गौर करेगी जब इन कमियों को दूर किया जाएगा।
न्यायमूर्ति पीएस गोपीनाथन ने खुली अदालत में कहा कि इतालवी सरकार को यह धारणा नहीं रखनी चाहिए कि भारतीय न्यायपालिका इतनी कमजोर है कि कोई भी याचिका दायर कर सकता है। उन्होंने महावाणिज्य दूत को निर्देश दिया कि वह इस बात को दर्शाने के लिए आवश्यक दस्तावेजी सबूत पेश करे कि वाणिज्य दूतावास को दो भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में मरीन के खिलाफ कानूनी कार्यवाही में इतालवी सरकार का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार है।
न्यायमूर्ति पीएस गोपीनाथन ने कहा कि महावाणिज्य दूत और दो आरोपी मरीनों द्वारा दायर उस याचिका में गंभीर कमियां हैं जिसमें उन्होंने मामले में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की थी। न्यायाधीश ने इस बात की भी शंका जाहिर की कि अदालत के समक्ष दिए गए हलफनामे में एक आरोपी का हस्ताक्षर फर्जी है। हालांकि, याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने बार-बार अदालत से दस्तावेजों की जांच करने का अनुरोध किया लेकिन अदालत ने इससे इंकार कर दिया और याचिकाकर्ताओं को कमियां दूर करने का निर्देश दिया।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 2, 2012, 18:11